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लाखों कमाने का मौका! टमाटर की पंजाब सोना व केसर और बैंगन की रौनक किस्म विकसित, मिलेगा ज्यादा उत्पादन

किसानों के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (Punjab Agricultural University) द्वारा समय-समय पर सब्जी, फल और अनाज की उन्नत किस्म विकसित की जाती हैं. इसी कड़ी में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (Punjab Agricultural University) ने पोषण से भरपूर कुछ किस्म की हैं, तो आइए आपको इन किस्मों से जुड़ी जानकारी देते हैं.

कंचन मौर्य
Agriculture News
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किसानों के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (Punjab Agricultural University) द्वारा समय-समय पर सब्जी, फल और अनाज की उन्नत किस्म विकसित की जाती हैं. इसी कड़ी में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (Punjab Agricultural University) ने पोषण से भरपूर कुछ किस्म की हैं, तो आइए आपको इन किस्मों से जुड़ी जानकारी देते हैं.

सब्जी की किस्म

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (Punjab Agricultural University) ने सब्जी की कुछ किस्म विकसित की हैं. इन किस्मों की खास बात यह है कि इन्हें आप अपने घर में या छत आसानी से उगा सकते हैं. बता दें कि दो केरोटीन समृद्ध चेरी टमाटर की किस्म विकसित की हैं, जिन्हें पंजाब सोना और पंजाब केसर नाम दिया गया है. इसके अलावा एंथोसायनिन से भरपूर बैंगन की किस्म भी विकसित की गई है. इसका नाम पंजाब रौनक रखा गया है. यह ऐसी किस्म हैं, जो कम लागत में फसल का ज्यादा उत्पादन देंगी, इसलिए आप इन किस्मों की बुवाई करके अच्छी कमाई कर सकते हैं.

अनाज की किस्म

विश्वविद्याल द्वारा गेहूं की उन्नत किस्म भी तैयार की गई है. गेहूं की यह किस्म प्रोटीन, हाई जिंक और हाई कैरोटीनॉयड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालय ने जंगली चावल की एक किस्म की पहचान की है. इसके इस्तेमाल से उच्च प्रोटीन वाला अनाज प्राप्त किया जा सकता है. इससे चावल में पोषण की मात्रा बढ़ेगी, साथ ही लोगों के लिए काफी लाभकारी होगा.

आपको बता दें कि इन किस्मों को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय और प्रोमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस ने विकसित किया है. इसके लिए भारत सरकार ने डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के लिए अनुदान जारी किया था. इसके अलावा कई और तरह के अनाज, दाल और सब्जियों को पोषणयुक्त बनाने का कार्च किया जा रहा है.

विकसित किया गया है प्रोटोकॉल

इसके अलावा धान के पौधों और कपास पर कीटनाशक प्रतिरोध और पुनरुत्थान का आकलन करने के लिए प्रोटोकॉल विकसित किया है. इतना ही नहीं, गेहूं, चावल, आलू और गेहूं को रोग से बचाने और उसके प्रबंधन के लिए अध्ययन किया जा रहा है.

इस अध्ययन का लक्ष्य है कि मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ावा, कुशल पुआल प्रबंधन पर शोध, कीट प्रबंधन के लिए पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करना है.

English Summary: Punjab Agricultural University has developed a new variety of tomatoes and brinjals Published on: 16 April 2021, 02:23 PM IST

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