बाहरी वातावरण की खेती और पॉली हाउस की खेती में मुख्य फर्क यही है कि बाहरी खेती खुले आसमान में की जाती है और पॉली हाउस में खेती एक संरक्षित तरीके से की जाती है. अब जैसा की नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि खेती संरक्षित हो, इसलिए इसे कुछ सुरक्षा की भी जरूरत है. खुले आसमान, तापमान, ओलावृष्टि या लू आदि से तो पॉली परत फसलों की रक्षा कर लेती है, लेकिन कुछ चीज़ें ऐसी है, जिसका ख्याल हमे ही रखना होगा. अब उदाहरण के लिए साफ-सफाई का मुद्दा ले लीजिए. अच्छे से अच्छा पॉली हाउस साफ-सफाई के अभाव में फसलों को खराब कर सकता है.
द्वार का बंद रहना जरूरी (Gates must remain closed)
ध्यान रहे कि पॉली गेट को तब ही खोला जाए, जब उसमें प्रवेश की जरूरत हो. बिना वजह गेट को खुले रखने से एक तो अंदर का तापमान प्रभावित होता है और दूसरा खुले जगहों से कई प्रकार के कीट, चूहे आदि घर में आ जाते हैं.
कीड़ों से बचाव (Insect protection)
इन छोटे कीड़ों के साथ कई प्रकार की बीमारियां भी ग्रीनहाउस घर में प्रवेश करती है, जो तुरंत ही बड़ी तेजी के साथ फैलती है. यदि इस तरह के कीड़े एक बार पॉली घर में आ गए तो फिर इनकी तादाद तेजी से बढ़ती जाती है और ये पौधों को नष्ट करना शुरू कर देते हैं.
खरपतवारों पर नियंत्रण (Weed control)
यदि ग्रीन हाउस घर में थोड़ा भी खरपतवार है, तो उसे हटा दें या अलग करके नष्ट कर दें. मल्चिंग को इस बिछाएं की अनचाही जगह खाली न रह जाए. खरपतवार आपके फसल को प्रभावित करते हुए उसे भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.
पॉली हाउस से दूर फेंके कचरा (Thrown trash away from poly house)
कई किसान ग्रीनहाउस से कचरा संग्रहित करने के बाद, जैसे- घास, पुरानी पत्तियों, टूटी शाखाएं, सूखे फूल, फल आदि वहीं कहीं आस-पास या पॉली हाउस के नजदीक रख देते हैं. इस तरह की लापरवाही न करें, कचरे को पॉली हाउस से दूर ले जाकर नष्ट करें. कचरा कीटों को निमंत्रित करता है.
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