देश में प्याज की कीमतें आसमान छू रही है. कई शहरों में इस समय प्याज 80 से 100 रूपए किलो बिक रहा है. वहीं अंदेशा है कि आने वाले दिनों में प्याज के दाम और बढ़ेंगे. जहां कई मंडियों में प्याज की कीमत 40 से 60 रूपए किलो पहुंच गई है वहीं कई जगह इसके दाम 80 से 100 रूपए प्रति किलो है. तो आइए जानते हैं आखिर क्यों बढ़ रहे हैं प्याज के दाम-
महानगरों में 100 तक पहुंचा प्याज
छोटे शहरों में प्याज 50 से 60 रूपए किलो तक बिक रहा है. लेकिन महानगरों में इसके दाम 100 रूपए किलो तक पहुंच गए हैं. देश के प्रमुख महानगर जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में प्याज 70 से 100 रूपए किलो तक बिक रहा है. जिसका सीधा आम आदमी पर पड़ रहा है. प्याज के अलावा अन्य सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. इस वजह से आम शहरियों की थाली से सब्जी और प्याज गायब हो गया है.
ये है भाव बढ़ने की बड़ी वजह
महाराष्ट्र की नासिक मंडी में प्याज 7 हजार से 8 हजार प्रति क्विंटल बिक रहा है. यही वजह है कि खेरची में दाम 100 रूपए किलो तक पहुंच गया है. प्याज के भाव बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है बारिश में प्याज का भारी नुकसान होना. महाराष्ट्र के किसानों का कहना है बारिश के कारण नर्सरी का रोप खराब हो गया इसलिए वह प्याज की नई फसल नहीं लगा पाए. वहीं जो प्याज उनके पास रखी हुई थी वह भी भारी बारिश की भेंट चढ़ गई. प्याज के रखरखाव की पर्याप्त व्यवस्था के बावजूद ज्यादा बरसात के शेड फेल हो गए और प्याज पानी लग गया. आखिरकार प्याज मजबूरी में फेंकना पड़ा. वहीं आगे भी दाम बढ़ने के आसार है क्योंकि महाराष्ट्र में जब उस समय भारी बारिश हुई जब प्याज उत्पादक जिलों में किसान प्याज की पछेती खरीफ की नर्सरी की बुवाई और अगेती खरीफ प्याज खेत से निकाल रहे थे. इससे किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.
सरकार के कदम
केन्द्र सरकार ने बढ़ते प्याज के दामों को देखते हुए 14 अक्टूबर को प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. इससे प्याज के दाम में कुछ राहत मिली थी लेकिन इसके बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भारी बारिश हुई जिसने रही सही कसर पूरी कर दी. किसानों की प्याज की रखी हुई प्याज के साथ नर्सरी में प्याज के रोप को भी खराब कर दिया. वहीं सरकार ने आगामी 15 दिसंबर तक लिए प्याज के आयात को सुलभ बनाने के लिए क्वारेंटाइन ऑर्डर - 2003 के तहत पादप स्वच्छता प्रमाणपत्र पर धूम्रीकरण और अतिरिक्त घोषणा के लिए शर्तों में ढील दी है. इससे अन्य देशों से प्याज आयात करने में व्यापारियों को सुलभता होगी.
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