1. Home
  2. खेती-बाड़ी

ऐसे करें अदरक की खेती, होगी बंपर पैदावार

अदरक की खेती भारत के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर की जाती है. जिन राज्यों में अदरक की खेती होती है, उनमें बंगाल, बिहार, चेन्नई, मध्यप्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश शामिल हैं. अदरक की खेती से हमारे किसान भाई लाखों की कमाई कर रहे हैं. हालांकि इन्हीं राज्यों के कई किसान ऐसे हैं जिनके लिए अदरक की खेती घाटे का सौदा बन गया है. तो अब उन किसानों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है. कृषि जागरण उन किसानों को बताने जा रहा है अदरक की सही और सटीक खेती. तो आइए जानते हैं तरीका-

अभिषेक सिंह

अदरक की खेती भारत के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर की जाती है. जिन राज्यों में अदरक की खेती होती है, उनमें बंगाल, बिहार, चेन्नई, मध्यप्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश शामिल हैं. अदरक की खेती से हमारे किसान भाई लाखों की कमाई कर रहे हैं. हालांकि इन्हीं राज्यों के कई किसान ऐसे हैं जिनके लिए अदरक की खेती घाटे का सौदा बन गया है. तो अब उन किसानों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है. कृषि जागरण उन किसानों को बताने जा रहा है अदरक की सही और सटीक खेती. तो आइए जानते हैं तरीका-

जलवायु

अदरक की खेती गर्म स्थानों पर करते हैं. इसकी खेती औसत तापमान 25 डिग्री सेंटीग्रेड और गर्मियों में 35 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान वाले स्थानों पर की जा सकती है. यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि अदरक की खेत जल निकास रहित स्थानों पर नहीं की जानी चाहिए नहीं, तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

मिट्टी का चुनाव

अदरक की अच्छी पैदावार के लिए बलुई दोमट और चिकनी मिट्टी उत्तम मानी जाती है. साथ ही जल निकास वाली भूमि और अधिक मात्रा में जीवांश या कार्बनिक पदार्थ की मात्रा हो वो भूमि सबसे ज्यादा उपयुक्त रहती है. ध्यान रहे कि एक ही भूमि पर बार-बार अदरक की खेती ना हो. इससे रोग और कीटों में वृद्धि होती है.

उन्नत किस्में

अदरक की उन्नत किस्मों में आईआईएसआर, सुप्रभा, सुरुची, हिमगिरी, आईआईएसआर रजाता शामिल हैं. आईआईएसआर 200 दिन, सुप्रभा 229 दिन, सुरुची 218 दिन, सुरभि 225 दिन और हिमगिरी की फसल 230 दिनों में काटने लायक हो जाती है.

बुवाई

अदरक को 40 सेमी के अंतराल पर बोना चाहिए. मेड़ या कूड़ विधि से बुवाई करनी चाहिए. बाद में अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद या मिट्टी से ढक देना चाहिए. वहीं, अगर रोपना है, तो कतार से कतार 30 सेमी और पौध से पौध 20 सेमी पर करें.

खाद एवं उर्वरक

बुवाई के समय 25-30 टन/हेक्टेयर की दर से अच्छी तरह गोबर खाद या कम्पोस्ट को बेड़ों के ऊपर फैला दें. वहीं रोपाई के समय खाद को छोटे गड्ढे करके उसमें डाल देनी चाहिए.

सिंचाई

किसान भाइयों को सिंचाई के लिए अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है. बस अदरक की फसल के लिए भूमि में बराबर नमी बनाकर रखें. उन्हें इसके लिए समय पर सिंचाई करते रहनी चाहिए.

कटाई

बुआई के आठ महीने बाद जब पत्ते पीले रंग के हो जाए और धीरे-धीरे सूखने लगे तब फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है. पौधों को सावधानीपूर्वक फावड़े या कुदाल की सहायता से उखड़ कर प्रकंदों को जड़ और मिट्टी से अलग कर लेते हैं.

उपज

अगर बताए गए तरीकों से हमारे किसान भाई खेती करते हैं, तो लगभग 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक अदरक की पैदावार हो सकती है. इसके बाद किसान भाई या तो इसे भंडारण कर सकते हैं या मंडी में ले जाकर बेच सकते हैं.

English Summary: know Process of ginger farming Published on: 09 November 2020, 03:14 PM IST

Like this article?

Hey! I am अभिषेक सिंह. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News