यह समय टमाटर लगाने के लिए उचित होता है. वैसे तो सालभर टमाटर की खेती कर सकते हैं, लेकिन अगर इस समय टमाटर की खेती (Tomato Cultivation) की जाए, तो इससे किसानों को अच्छी फसल प्राप्त होकर आमदनी ज्यादा हो जाती है.
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि किसान इस समय टमाटर की नर्सरी तैयार कर खेती कर सकता है. इसके लिए ट्रे में नर्सरी तैयार की जा सकती हैं, क्योंकि इसमें पौध जल्दी तैयार हो जाती है, साथ ही पौधे समान्य तरीके से उगाए जाते हैं. तो चलिए आज किसान भाईयों को टमाटर की खेती (Tomato Cultivation) संबंधी कुछ खास जानकारी देते हैं.
टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त मौसम (Suitable Season For Tomato Cultivation)
टमाटर का पौधा ज्यादा ठंड और उच्च नमी बर्दाश्त नहीं कर पाता है, इसलिए विपरीत मौसम की वजह से खेती प्रभावित हो सकती है. इसके बीजों के विकास, अंकुरण, फूल आना और फल होने के लिए अलग-अलग मौसम की व्यापक विविधता चाहिए. बता दें कि 10 डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान व 38 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा तापमान पौधे का विकास धीमा कर सकते हैं.
टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी (Soil Suitable For Tomato Cultivation)
टमाटर की खेती (Tomato Cultivation) के लिए खनिजीय मिट्टी और बलुई मिट्टी अच्छी होती है, लेकिन पौधों के लिए सबसे अच्छी बलुई मिट्टी होती है. वहीं, अच्छी फसल के लिए मिट्टी की गहराई 15 से 20 सेमी होनी चाहिए.
खेत तैयार करना (Farm Preparation)
खेत की अंतिम जुताई के समय नत्रजन की आधी मात्रा, फासफोरस और पोटाश की पूरी मात्रा मिलानी चाहिए.
टमाटर की उन्नत किस्में (Improved Varieties Of Tomatoes)
किसान भाई सामान्य किस्मों में पूसा गौरव, पूसा शीतल, सालेनागोला, साले नबड़ा, वी.एल.टमाटर-1, आजाद टी-2 अर्का सौरभ आदि की बुवाई कर सकते हैं. इसके अलावा संकर किस्मों में रुपाली, नवीन, अविनाश-2, पूसा हाइब्रिड-4, मनीशा, विशाली, पूसा हाइब्रिड-2, डी.आर.एल-304, एन.एस. 852, अर्कारक्षक आदि की बुवाई करें.
टमाटर की खेती के लिए पौध तैयार करना (Plant Preparation For Tomato Cultivation)
टमाटर की पौध की तैयार करने के लिए जीवांशयुक्त बलुवर दोमट मिट्टी की जरुरत होती है. अगर आप स्वस्थ और मजबूत पौध तैयार करना चाहते हैं, तो इसके लिए 10 ग्राम डाई अमोनियम फास्फेट और 1.5-2.0 किग्रा. सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति वर्ग मीटर की दर से लगाएं.
बीज की मात्रा (Seed Quantity)
सामान्य किस्मों में प्रति हेक्टेयर 500 ग्राम बीज और संकर किस्मों में प्रति हेक्टेयर 200 से 250 ग्राम बीजों की आवश्यकता होती है.
बीज का चयन (Seed Selection)
टमाटर की खेती (Tomato Cultivation) के लिए बीज उत्पादन के बाद खराब और टूटे बीज छांट लेना चाहिए. बुवाई में प्रयोग किए जाएन वाले बीज उत्तम होने चाहिए. इसके साथ ही बीज आकार में एक समान, मजबूत और जल्द अंकुरण वाले होने चाहिए.
टमाटर पौध की रोपाई (Planting Tomato Seedlings)
जब पौध में 4 से 6 पत्तियां आ जाएं, जिनकी ऊंचाई 20 से 25 सेमी. हो जाए, तब पौध रोपाई के लिए तैयार हो जाती है. बता दें कि रोपाई के 3 से 4 दिन पहले पौधशाला की सिंचाई बंद कर देना चाहिए. इसके अलावा सर्दियों में पाला से बचने के लिए क्यारियों को पालीथीन चादर की टनेल बनाकर ऊपर से ढक देना चाहिए.
बुवाई का तरीका (Sowing Method)
इसके साथ ही क्यारियों की लंबाई 3 मीटर चौड़ाई रखें, साथ ही भूमि की सतह से उंचाई कम से कम 25 से 30 सेमी. रखें. इन क्यारियों में बीज की बुवाई पंक्तियों में करना चाहिए. इनकी दूरी करीब 5 से 6 सेमी. रखें, तो वहीं पौध से पौध की दूरी 2 से 3 सेमी. रखें.
सिंचाई (Irrigation)
जब बुवाई हो जाए, उसके बाद क्यारियों को सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट से ढक दें. इसके बाद फुहारे से हल्की सिंचाई कर दें. इसके साथ ही क्यारियों को घास-फूस या सरकंडे के आवरण से ढ़क दें. अगर आवश्यकता लगे, तो हल्की सिंचाई कर सकते हैं. बता दें कि बुवाई के करीब 20 दिन बाद पौध रोपाई योग्य तैयार हो जाती है.
अगर उपयुक्त विधि से टमाटर की खेती की जाए, तो फसल का अच्छा और ज्यादा उत्पादन मिलना लगभग तय हो जाता है.
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