
खरीफ का सीजन देश में लगभग समाप्ति की ओर है. बाजरा, ज्वार और दूसरी फसलों के खेत धीरे-धीरे खाली होने लगे हैं किसान रबी की फसलों की बुवाई के लिए खेतों को तैयार कर रहे हैं और इस मौसम में मध्यप्रदेश में गेहूं बड़ी मात्रा में उगाया जाता है. इसी क्रम में गेहूं की आज एक ऐसी किस्म के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसका उत्पादन 95.32 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
ये है गेहूं की खास किस्म
जानकारी के अनुसार, गेहूं की किस्मों के बीच इस समय सबसे ज्यादा उत्पादन देने वाली वैरायटी में HI-8663 का नाम सबसे आगे चल रहा है. इसकी उत्पादकता की बात की जाए, तो 95.32 किंवटल प्रति हेक्टेयर बताया जा रहा है. HI-8663 एक जीनोटाइप विशेषता, उच्च गुणवत्ता और अधिक उत्पादकता वाला गेहूं का बीज है.
HI-8663 में है ये खास बात
HI-8663 में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं इसलिए बाजार में इसकी काफी ज्यादा डिमांड है. इस गेहूं से रोटी के अलावा सूजी और पास्ता भी बनाया जाता है और इसमें प्रोटान की मात्रा काफी ज्यादा पाई जाती है.
गेहूं की बुवाई के लिए उपयुक्त समय
आमतौर पर नवंबर का महीना गेहूं की बुवाई के लिए उपयुक्त माना जाता है, लेकिन इस किस्म को दिसम्बर के महीने में भी बोया जा सकता है.
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इसके अलावा यह अन्य किस्मों से जल्दी तैयार हो जाती है और गर्मी को भी आसानी से सहन कर सकती है. इस किस्म को मध्यप्रदेश में उगाया जा रहा है.
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