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गेहूं की ये 3 किस्में हैं सबसे नई, 120 दिन में देंगी 82.1 क्विंटल पैदावार

रबी सीजन आने वाला है. ऐसे में इस पोस्ट के जरिए हम आपको गेहूं की 3 नवीनतम उन्नत किस्मों की जानकारी दे रहे हैं, जो आपको बंपर पैदावार दे सकती हैं...

कंचन मौर्य
Gehu Ki Top Varieties
गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए उन्नत किस्मों की जानकारी

Gehu Ki Top Varieties 2022: रबी सीजन की फसलों की बुवाई उत्तर भारत में अक्टूबर और नवंबर माह के दौरान होती है, जिसकी शुरुआत बस होने वाली है. अगर रबी सीजन की मुख्य फसल की बात करें, तो इस दौरान देशभर के अधिकतर किसान गेहूं की खेती (Wheat Cultivation) करते हैं, जिसके लिए उन्हें उन्नत किस्मों की आवश्यकता होती है.

ऐसे में आज कृषि जागऱण अपनी इस पोस्ट में गेहूं की 3 नवीनतम उन्नत किस्मों (3 New Varieties of Wheat) की जानकारी लेकर आया है. इसके साथ ही यह भी जानेंगे कि उन किस्मों से उत्पादन कितना होता है.

बता दें कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल (IIWBR) का मानना है कि गेहूं की ये 3 किस्में (3 New Varieties of Wheat) सबसे नई हैं, जिसने उत्पादन भी बंपर मिलता है.

करण नरेन्द्र (Karan Narendra / DBW-222)

यह नवीनतम किस्मों में से एक  है, जिसे डीबीडब्ल्यू 222 (DBW-222) भी कहा जाता है. गेहूं की यह किस्म बाजार में साल 2019 में आई थी. इसकी बुवाई 25 अक्टूबर से 25 नवंबर के बीच कर सकते हैं. इस गेहूं की रोटी की गुणवत्ता अच्छी मानी जाती है. इसकी खासियत यह है कि जहां दूसरी किस्मों के लिए 5 से 6 बार सिंचाई की जरूरत पड़ती है, वहीं इसमें 4 सिंचाई की ही जरूरत पड़ती है. वहीं, ये किस्म से फसल 143 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे प्रति हेक्टेयर 65.1 से 82.1 क्विंटल तक पैदावार मिल जाती है.

करन वंदना (Karan Vandana/DBW-187)

इस किस्म को डीबीडब्ल्यू-187 (DBW-187) कह सकते हैं. इसमें पीला रतुआ और ब्लास्ट जैसी बीमारियां लगने की संभावना कम होती है. यह किस्म गंगा तटीय क्षेत्रों के लिए अच्छी मानी जाती है. इस किस्म से फसल लगभग 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, जिससे प्रति हेक्टेयर लगभग 75 क्विंटल गेहूं की पैदावार मिल जाती है.

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करण श्रिया (Karan Shriya/DBW-252)

गेहूं की यह किस्म भी नवीनतम किस्मों में से एक है, जो जून 2021 में आई थी. इस किस्म की बुवाई उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अधिक होती है, जो कि करीब 127 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और इसमें मात्र एक सिंचाई की जरूरत पड़ती है. यह किस्म प्रति हेक्टेयर 55 क्विंटल अधिकतम पैदावार दे देती है.

English Summary: Wheat Varieties 2022: These 3 varieties of wheat will yield up to 82.1 quintals from the crop in just 120 days Published on: 14 September 2022, 12:46 PM IST

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