1. Home
  2. खेती-बाड़ी

Carrot Farming: आज ही करें इस फसल की खेती, सर्दियों में मिलेगी बंपर पैदावार

गाजर की खेती से बंपर पैदावार मिलेगी, जिससे सर्दियों में मोटा मुनाफा मिल पाएगा. तो जानें कैसे गाजर की खेती करके मोटा पैसा कमा सकते हैं...

निशा थापा
गाजर की खेती
गाजर की खेती

गाजर का उपयोग सब्जी, सलाद, हल्वा व आचार आदि बनाने में किया जाता है. गर्मी के सीजन का समापन होने वाला है. ऐसे में सर्दियां आते ही बाजार में गाजर की मांग बहुत बढ़ जाती है. बाजार में अच्छी मांग के मद्देनजर आप भी गाजर उगाकर बंपर कमाई कर सकते हैं.

गाजर "वार्षिक" या "द्विवार्षिक" जड़ी बूटी उम्बेलिफेरा के परिवार से संबंधित है. यह विटामिन ए का एक बड़ा स्रोत है. गाजर भारत की प्रमुख सब्जी फसल है. हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और उत्तर प्रदेश गाजर उगाने वाले प्रमुख राज्य हैं.

गाजर की खेती

गाजर के अच्छे उत्पादन के लिए गाजर को गहरी, ढीली दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है. भारी मिट्टी और ढीली मिट्टी गाजर की खेती के लिए उपयुक्त नहीं है. अच्छी उपज के लिए मिट्टी का पीएच 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए.

गाजर के लिए भूमि की तैयारी

भूमि की अच्छी तरह जुताई करें और भूमि को खरपतवार और ढेले से मुक्त करें. 10 टन प्रति एकड़ में अच्छी तरह से सड़ी हुई गाय का गोबर डालें और जमीन तैयार करते समय मिट्टी में अच्छी तरह मिला लें. बिना सड़ी या मुफ्त गाय के गोबर के उपयोग से बचें क्योंकि इससे मांसल जड़ें निकल सकती हैं.

गाजर की बुवाई का समय

अगस्त-सितंबर गाजर की स्थानीय किस्मों की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय है जबकि अक्टूबर-नवंबर का महीना यूरोपीय किस्मों के लिए आदर्श है. इसके साथ ही गाजर की फसल न्यूनतम 90 दिनों में तैयार हो जाती है.

गाजर की बुवाई कैसे करें

गाजर की अच्छी उपज के लिए बीजों को 1.5 सेमी की गहराई पर बोएं. पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 7.5 सेमी रखें. बुवाई के लिए डिबलिंग विधि का उपयोग करें और प्रसारण विधि का भी उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही एक एकड़ में बुवाई के लिए 4-5 किलो बीज की दर पर्याप्त होती है. ध्यान रहे कि बिजाई से पहले बीज को 12-24 घंटे पानी में भिगो दें, क्योंकि अंकुरित बीजों से उपज अच्छी होती है.

गाजर की खेती की सिंचाई

बुवाई के बाद पहली सिंचाई करें, इससे अच्छे अंकुरण में मदद मिलेगी. मिट्टी की किस्म और जलवायु के आधार पर बची हुई सिंचाई गर्मियों में 6-7 दिन और सर्दी के महीने में 10-12 दिन के अंतराल पर करें. कुल मिलाकर गाजर को तीन से चार सिंचाई की आवश्यकता होती है. अत्यधिक सिंचाई से बचें, क्योंकि इससे जड़ों का आकार बिगड़ जाएगा. कटाई से दो से तीन सप्ताह पहले सिंचाई बंद कर दें, इससे गाजर की मिठास और स्वाद में वृद्धि होगी.

यह भी पढ़ें: Onion Farming Subsidy: किसानों को प्याज की खेती के लिए मिलेगी 50% की सब्सिडी, ऐसे करें आवेदन

गाजर फसल की  कटाई

गाजर की किस्मों के आधार पर गाजर बुवाई के 90-100 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. गाजर के पौधे को उखाड़ कर मैन्युअल रूप से कटाई की जाती है. उखाड़ने के बाद गाजर से पत्ते हटा दें. इसके बाद गाजर को धो लें. ताकि इसमें मौजूद मिट्टी गाजर से अलग हो जाए.

गाजर फसल कटाई के बाद

कटाई के बाद आकार के आधार पर गाजर की ग्रेडिंग की जाती है. फिर उन्हें बोरियों या टोकरी में पैक किया जाता है. जिसके बाद आपके गाजर बाजार बाजार में बिकने को तैयार हो जाएंगे. जहां पर आप गाजर की अच्छी पैदावर की बदौलत आपकी तिजौरी पैसों से भर जाएगी.

English Summary: Carrot cultivation will give bumper yield till winter Published on: 21 September 2022, 12:04 PM IST

Like this article?

Hey! I am निशा थापा . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News