1. Home
  2. खेती-बाड़ी

Wheat Farming: गेहूं की खेती करने का सही समय, बीज दर, बीज शोधन और बुवाई करने की विधि

अगर आप गेहूं की खेती करना चाहते हैं तो आपको इसके बीज दर से लेकर बुवाई तक की पूरी विधि तक की जानकारी होनी चाहिए....

विवेक कुमार राय
Wheat farming in india
Wheat farming in india

गेहूं की बुवाई अधिकतर धान के बाद की जाती है. अतः गेहूं की बुवाई में ज्यादातर देर हो जाती है. हमे पहले से यह निश्चित कर लेना होगा कि खरीफ में धान की कौन सी प्रजाति का चयन करें और रबी में उसके बाद गेहूं की कौन सी प्रजाति बोये. गेहूं की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए धान की समय से बुवाई जरूरी है जिससे गेहूं के लिए अक्टूबर माह में खेत खाली हो जायें.

दूसरी बात ध्यान देने योग्य यह है कि धान में पडलिंग लेवा के कारण भूमि कठोर हो जाती है. भारी भूमि से पहले मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई के बाद डिस्क हैरो से दो बार जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बनाकर ही गेहूं की बुवाई करना सही होता है. डिस्क हैरो के प्रयोग से धान के ठूंठ छोटे -छोटे टुकड़ों मे कट जाते है. इन्हे शीघ्र सड़ाने हेतु 15-20 किग्रा० नत्रजन (यूरिया के रूप में) प्रति हेक्टर खेत को तैयार करते समय पहली जुताई पर अवश्य दे देना चाहिए. ट्रैक्टर चालित रोटावेटर द्वारा एक ही जुताई में खेत पूर्ण रूप से तैयार हो जाता है.

गेहूं की बुवाई (Wheat sowing)

गेहूं की बुवाई समय से एवं पर्याप्त नमी पर करना चाहिए. देर से पकने वाली प्रजातियों की बुवाई समय से अवश्य कर देना चाहिए अन्यथा उपज में कमी हो जाती है. जैसे-जैसे बुवाई में विलम्ब होता जाता है, गेहूं की पैदावार में गिरावट की दर बढ़ती चली जाती है. दिसंबर में बुवाई करने पर गेहूं की पैदावार 3 से 4 कु0/ हे0 एवं जनवरी में बुवाई करने पर 4 से 5 कु0/ हे0 प्रति सप्ताह की दर से घटती है. गेहूं की बुवाई सीडड्रिल से करने पर उर्वरक एवं बीज की बचत की जा सकती है.

बीज दर एवं बीज शोधन (Seed Rate and Seed Treatment)

लाइन में बुवाई करने पर सामान्य दशा में 100 किग्रा० तथा मोटा दाना 125 किग्रा० प्रति है, तथा छिटकवॉ बुवाई  की दशा में सामान्य दाना 125 किग्रा० मोटा-दाना 150 किग्रा० प्रति हे0 की दर से प्रयोग करना चाहिए.बुवाई  से पहले जमाव प्रतिशत अवश्य देख ले.राजकीय अनुसंधान केन्द्रों पर यह सुविधा निःशुल्क उपलबध है.

यदि बीज अंकुरण क्षमता कम हो तो उसी के अनुसार बीज दर बढ़ा ले तथा यदि बीज प्रमाणित न हो तो उसका शोधन अवश्य करें.बीजों का कार्बाक्सिन, एजेटौवैक्टर व पी.एस.वी. से उपचारित कर बोआई करें.सीमित सिंचाई वाले क्षेत्रों में रेज्ड वेड विधि से बुवाई  करने पर सामान्य दशा में 75 किग्रा० तथा मोटा दाना 100 किग्रा० प्रति हे0 की दर से प्रयोग करे.

पंक्तियों की दूरी (Row spacing)

सामान्य दशा में 18 सेमी० से 20 सेमी० एवं गहराई 5 सेमी०
विलम्ब से बुवाई की दशा में 15 सेमी० से 18 सेमी० तथा गहराई 4 सेमी०

गेहूं की बुवाई विधि (Wheat sowing method)

बुवाई हल के पीछे कूंड़ों में या फर्टीसीडड्रिल द्वारा भूमि की उचित नमी पर करें. पलेवा करके ही बोना श्रेयकर होता है. यह ध्यान रहे कि कल्ले निकलने के बाद प्रति वर्गमीटर 400 से 500 बालीयुक्त पौधे अवश्य हों अन्यथा इसका उपज पर कुप्रभाव पड़ेगा. विलम्ब से बचने के लिए पंतनगर जीरोट्रिल बीज व खाद ड्रिल से बुवाई करें. ट्रैक्टर चालित रोटो टिल ड्रिल द्वारा बुवाई अधिक लाभदायक है.

English Summary: The right time to cultivate wheat, seed rate, seed treatment and method of sowing Published on: 22 October 2019, 11:11 AM IST

Like this article?

Hey! I am विवेक कुमार राय. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News