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Moong Variety: जल्दी पकने वाली मूंग की किस्मों की सूची, कम समय में पाएं दोगुना मुनाफा!

अक्सर किसान मूंग की खेती के लिए उसकी किस्मों का सही चुनाव नहीं कर पाते हैं . ऐसे में उन्हें खेती के लिए ज्यादा समय भी देना पड़ता है और उपयुक्त आय भी नहीं मिल पाती है. इसलिए आज हम आपको मूंग की जल्दी पकने वाली फसलों (Popular Moong Variety) के बारे में बताने जा रहे हैं.

रुक्मणी चौरसिया
Moong Farming & its Varieties
Moong Farming & its Varieties

मूंग (Moong) भारत की प्रमुख दलहनी फसलों (Pulse Crops) में से एक है. यह फाइबर और आयरन के साथ प्रोटीन का समृद्ध स्रोत है. इसकी खेती खरीफ के साथ-साथ गर्मियों की फसल के रूप में भी की जा सकती है. मूंग की मांग के चलते यह कई राज्यों की मुख्य फसल है जिससे उनकी आय में भी हर साल वृद्धि होती है. तो आइये जानते हैं मूंग की जल्दी पकने वाली फसलों (Quick Maturing Crops of Moong) के बारे में.

मूंग की लोकप्रिय किस्में (Popular Varieties of Moong)

एसएसएल 1827 (SSL 1827):Moongकी यह किस्म हरे चने और राइसबीन के साथ क्रॉस ब्रीडिंग द्वारा बनाई जाती है. यह औसतन 5.0 क्विंटल प्रति एकड़ उपज देता है. यह किस्म पीले मोज़ेक वायरस के लिए प्रतिरोधी है.

एमएल 2056 (ML 2056): खरीफ मौसम के लिए Moong की यह उपयुक्त फसल है. इसके पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं. साथ ही यह 75 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. प्रत्येक फली में 11-12 बीज होते हैं. यह पीले मोज़ेक और सरकोस्पोरा के साथ-साथ जीवाणु पत्ती के धब्बे के प्रति सहिष्णु है. साथ ही यह जस्सीद और सफेद मक्खी जैसे चूसने वाले कीट के प्रति भी सहनशील है. यह 4.5 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज देता है.

एमएल 818 (ML 818): Moong की यह किस्म भी खरीफ मौसम के लिए उपयुक्त है. इसके पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं. यह 80 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. प्रत्येक फली में 10-11 बीज होते हैं. यह पीले मोज़ेक और सरकोस्पोरा के साथ-साथ जीवाणु पत्ती के धब्बे के लिए मध्यम प्रतिरोधी है. यह 4.9 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज देता है.

पीएयू 911 (PAU 911): खरीफ मौसम के लिए यह Moong की उपयुक्त फसल है. मूंग की यह किस्म 75 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. प्रत्येक फली में 9-11 बीज होते हैं. यह 4.9 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज देता है. दाने मध्यम मोटे और हरे रंग के होते हैं.

एसएमएल 668 (SML 668): यह गर्मियों में बुवाई के लिए Moong की एक उपयुक्त फसल है. इसके पौधे बौने होते हैं. यह 61 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इसकी फली लंबी होती है और प्रत्येक फली में 10-11 बीज होते हैं. यह पीले मोज़ेक और थ्रिप्स के प्रति सहिष्णु है. 4.5 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज देता है.

एसएमएल 832 (SML 832): यह भी गर्मियों में बुवाई के लिए Moong की उपयुक्त फसलों में से एक है. इसके पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं. यह 62 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. प्रत्येक फली में 10 बीज होते हैं. दाने मध्यम आकार के चमकीले हरे रंग के होते हैं. यह 4.6 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज देता है.

टीएमबी 37 (TMB 37): वसंत और गर्मी दोनों मौसम के लिए Moong की उपयुक्त फसल है. पंजाब में सामान्य खेती के लिए पीएयू द्वारा किस्म जारी की जाती है. इसकी फसल 60 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है.

मूंग की बुवाई का समय (Sowing Time of Moong)

Moong की फसल के लिए खरीफ की बुवाई का उपयुक्त समय जुलाई का पहला हफ्ता है. वहीं ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए अनुकूल समय मार्च से अप्रैल तक है.

मूंग की बुवाई के बीच अंतर (Spacing Between Sowing of Moong)

Moong की बुवाई के लिए पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी होनी चाहिए.

मूंग की कटाई (Moong Harvesting)

Moong की कटाई का सबसे अच्छा समय तब है जब फली 85% तक पक जाती है. फली के अधिक पकने से बचना चाहिए क्योंकि टूटने के कारण उपज नष्ट हो सकती है. मूंग की कटाई दरांती से करें. कटाई के बाद थ्रेसिंग करें. थ्रेसिंग के बाद Moong के बीजों को साफ करके धूप में सुखा दें.

English Summary: Green Gram Popular Varieties of India Published on: 12 March 2022, 12:03 PM IST

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