अगर सबकुछ बिल्कुल ठीक ठाक रहता है तो जापान के प्रतिष्ठित फूजी सेब के पेड़ उत्तराखंड के टिहरी जिले में भी लहलहा सकते है. किसानों की अजीविका संवर्धन के लिए यह प्रयोग काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. सबसे खास बात यह है कि एक ही पेड़ पर कुल दो से तीन कुतंल सेब पेड़ पर उगते है. इससे किसानों को अच्छी आमदनी का स्त्रोत भी प्राप्त हो सकता है.
टिहरी में लहलहाएगी सेब फसल
जापान में हाईब्रिड किस्म का फूजी सेब काफी प्रचुर मात्रा में ही उगाया जाता है.यहां पर एक सेब ढाई से साढ़े तीन सौ ग्राम होता है, जापान की कैशले कंसलटेंट कंपनी की ओर से कृषि और बागवानी की तकनीकी सीखने के लिए गत सप्ताह जापान के भ्रमण से लौटे हुए जिला अधिकारी तिवारी ने जापान में फूजी सेब के उत्पादन के बारे में जानकारी हासिल की है. सरकार किसानों की आय दोगुना करने का अभियान शुरू किया है, इसमें कृषि के अलावा सब्जी और फलोउत्पादन अहम साबित हो सकता है.
फूजी सेब की विशेषता
फूजी सेब की विशेषता की बात करें तो यह सेब काफी बड़े और गोल होते है, यह औसतन 75 मिमी व्यास के होते है. इनमें वजन के हिसाब से इनमें शर्करा की मात्रा 9 से 11 के आसपास होती है. अन्य किस्मों की तुलना में यह काफी ज्यादा मीठा होता है. इसके उत्पादन की बात करें तो सलाना लगभग 900, 000 टन होता है. यूएस एप्पल एसोसिएशन के मुताबिक अमेरिका के पसंदीदा सेब का चौथा स्थान है.भारत में यह सेब 400 से 500 रूपये किलो तक ही बिकता है.
हो रहा बेहतर उत्पादन
यहां के राष्ट्रीय उद्यान मागरा में फूजी सेब के कुल 50 पौधे लगाए जाएंगे. जापान में टोक्यो की कुल समुद्र तल से ऊंचाई 500 और 700 मीटर होता है लेकिन वहां पर तापमान 5 से 12 डिग्री सेल्सियस रहता है. जबकि भारत में यह तापमान ऊंचाई वाले स्थानों पर मिलता है. नई टिहरी, चंबा, धनोल्टी इसके लिए यही बेहतर स्थान है.
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