भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) के वैज्ञानिकों ने पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब राज्य (Eastern Uttar Pradesh, Bihar, Haryana and Punjab States) में किसानों के लिए अधिक उपज देने वाले गेहूं की एक नई किस्म पेश करने का प्रस्ताव दिया है.
गेहूं की अधिक उपज देने वाली इस किस्म का नाम DBW 187 (DBW 187 Wheat Variety) है, जिसे लोकप्रिय रूप से करण वंदना के नाम से भी जाना जाता है. इस गेहूं की गुणवत्ता को सबसे पहले पूर्वोत्तर राज्यों में पेश किया गया था. इसकी सफलता के बाद, सरकार ने उत्तर-पश्चिमी राज्यों में DBW-187 शुरू करने का निर्णय लिया गया है.
इसे करण वंदना (Karan Vandana Wheat) के नाम से भी जाना जाता है. इस नई किस्म में उच्च मात्रा में प्रोटीन (Protein) और आयरन (Iron) होता है, जो मानव शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व होते हैं. गेहूं की इस DBW-187 किस्म को विभिन्न राज्यों के किसानों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है. केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर गेहूं की इस किस्म को उत्तर पश्चिमी राज्यों में पेश किया जाएगा.
किसानों के लिए करण वंदना गेहूं की किस्म है फायदेमंद (Karan Vandana wheat variety is beneficial for farmers)
IIWBR वैज्ञानिकों के प्रस्ताव से इन राज्यों के किसानों के लिए अधिक उपज देने वाली गेहूं की किस्म DBW-187 (करण वंदना) पेश करने की योजना बना रहा है. दिसंबर 2018 में, यह किस्म उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए जारी की गई थी. अन्य राज्यों के किसानों की मांग पर यह किस्म केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद उत्तर पश्चिमी राज्यों को जारी की जाएगी.
करण वंदना गेहूं की गुणवत्ता (karan vandana wheat quality)
DBW-187 की गेहूं की किस्म प्रोटीन और आयरन से भरपूर होती है. IIWBR में एक प्रदर्शन समारोह में, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी यूपी और राजस्थान के विभिन्न किसानों ने गेहूं की करण वंदना किस्म में अपनी रुचि दिखाई है. किसानों ने ये उच्च उपज देने वाले गेहूं के बीज उपलब्ध कराने के लिए सरकार से मांग की है.
अब IIWBR बिहार और उत्तर पश्चिमी राज्यों के लिए जारी करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने जा रहा है. गेहूं के कीटाणु की वर्तमान किस्म में लगभग 10% से 12% प्रोटीन की मात्रा होती है, जबकि लोहे की मात्रा 30 से 40 भाग प्रति मिलियन (PPM) होती है. लेकिन DBW-187 (करण वंदना) किस्म के गेहूं में 12% से अधिक प्रोटीन और 42 PPM से अधिक आयरन होता है.
गेंहू की DBW-187 किस्म की विशेषताएं (Features of DBW-187 Wheat)
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इस किस्म की पैदावार लगभग 5 टन प्रति हेक्टेयर होगी, जबकि सामान्य गेहूं की किस्म से 6.5 टन होती है.
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DBW-187 गुणवत्ता वाले गेहूं में पूरे देश में प्रजनन कार्यक्रमों में उच्च गर्मी सहनशीलता है.
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गेहूं की नई करण वंदना किस्म भी पीले रतुआ और गेहूं विस्फोट रोग के लिए प्रतिरोधी है.
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ये उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं के बीज एचडी-2967 और एचडी-3086 गेहूं की किस्मों की जगह लेने जा रही है.
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सिंचित और समय पर बुवाई की स्थिति में 77 दिनों में फूल आ जाते हैं और 120 दिनों में फसल परिपक्व हो जाती हैं.
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उच्च औसत उपज (8q प्रति हेक्टेयर) है.
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उपज क्षमता (7q प्रति हेक्टेयर) है.
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