गेहूं की अगेती किस्मों की बुवाई का उपयुक्त समय आ गया है. इस समय गेहूं की अगेती किस्मों की बुवाई कर अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन अगेती किस्मों की बुवाई से पहले बीजों का उचित उपचार करना बहुत ज़रूरी है.
इसी कड़ी में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों की सुविधा के लिए गेहूं की बुवाई को 3 चरणों में बांटा है. इन तीनों चरणों में बुवाई करने के लिए अलग-अलग उचित उपचार की सलाह दी है. उनका कहना है कि गेहूं की बुवाई के समय खेत की मिट्टी में नमी होनी चाहिए. इसके साथ ही तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहना चाहिए.
गेहूं की बुवाई के चरण (Wheat sowing stage)
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पहला चरण 25 अक्टूबर से 10 नवंबर
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दूसरा चरण 11 नवंबर से 25 नवंबर
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तीसरा चरण 26 नवंबर से 25 दिसंबर
गेहूं के खेत की तैयारी (Wheat field preparation)
सबसे पहले गेहूं की बुवाई के लिए खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लें, क्योंकि सही तापमान में बीजों का अंकुरण अच्छा होता है. किसान गेहूं की बुवाई के लिए हैप्पी सीडर और सुपर सीडर जैसे आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं. इनकी मदद से बीज को सही मात्रा में उचित गहराई पर छोड़ा जाता है. इससे अंकुरण सही रहता है.
गेहूं की बुवाई (Wheat sowing)
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की अगेती किस्मों की बुवाई के लिए सही समय, बीज का चयन और उसका उपचार करना जरूरी है. उन्होंने बताया कि पहले की चरण की बुवाई 25 अक्टूबर से 10 नवंबर तक कर देना चाहिए. यानी मौजूदा समय में किसान पहले चरण की बुवाई कर सकते हैं.
चरण के मुताबिक अगेती किस्म (Stage wise Early variety)
पहला चरण (First stage)
अगर किसान 25 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच बुवाई करते हैं, तो उन्हें एचडी 2967, डब्ल्यूएच 542, यूपी 2338, एचडी 2687, डब्लयूएच 1105 और देसी गेहूं सी-306 किस्मों की बुवाई करना चाहिए.
दूसरा चरण (Second stage)
अगर किसान 11 नवंबर से 25 नवंबर 11 से 25 नवंबर के बीच बुवाई करते हैं, तो डब्ल्यूएच 542, डब्ल्यूएच 711, डब्ल्यूएच 283, डब्ल्यूएच 416 किस्म की चयन कर सकते हैं.
तीसरा चरण (Third stage)
इसके अलावा अगर किसान 25 नवंबर से 25 दिसंबर के बीच पछेती किस्म एचडी 2851, यूपी 2338, आरएजे 3765, पीबीडब्ल्यू 373, आरएजे 3077 की बुवाई कर सकते हैं.
बीज दर (Seed rate)
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पहले दो चरणों में 40 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की बुवाई करना चाहिए, तो वहीं तीसरे चरण में 50 से 60 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की बुवाई करें.
बीज उपचार (Seed treatment)
गेहूं की बुवाई से पहले बीज का उपचार करना ज़रूरी है, इसलिए बीज जनित रोगों से बचाव के लिए बीजों को 2 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से बावास्टीन और बीटावैक्स से उपचारित करें. इसके अलावा फसल को दीमक से बचाने के लिए क्लोरोपाइरीफॉस 1.5 मिली, प्रति किलोग्राम से बीज को उपचारित कर लें. इस तरह फसल की पैदावार अच्छी प्राप्त होगी.
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