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कीड़ा जड़ी की खेती, पहचान, गुण और खाने का तरीका

हिमालय के दुर्गम इलाकों में एक नायाब जड़ी मिलती है, जिसको दुनिया की सबसे महंगी जड़ी बूटी माना जाता है. अनुभवी लोग इस जड़ीबूटी से लाखों रुपये कमा सकते है, इसके अलावा इससे कई स्वास्थ्य लाभ भी होते है. जिसको हिमालय वायाग्रा या यार्सागुम्बा के नाम से भी जाना जाता है. आमतौर पर लोग इससे कीड़ा जड़ी के नाम से जानते है. ये अपने कामोद्दीपक गुणों के कारण मशहूर है. बता दें कि हिमालय में बर्फ पिघलने पर नेपाल के सैकड़ों ग्रामीण इस जड़ी बूटी को इकट्ठा करने के लिए चोटी की ओर भागते है. वे लोग बहुत सावधानी से इसे साफ़ करके अपने पास रख लेते है. ऐसे में आइये आज हम आपको कीड़ा जड़ी की खेती कैसी होती है और इसके क्या-क्या फायदे है. उसके बारें में विस्तृत रूप में बताते है -

कंचन मौर्य
Agriculture News
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हिमालय के दुर्गम इलाकों में एक नायाब जड़ी मिलती है, जिसको दुनिया की सबसे महंगी जड़ी बूटी माना जाता है. अनुभवी लोग इस जड़ीबूटी से लाखों रुपये कमा सकते है, इसके अलावा इससे कई स्वास्थ्य लाभ भी होते है. जिसको हिमालय वायाग्रा या यार्सागुम्बा के नाम से भी जाना जाता है. 

आमतौर पर लोग इससे कीड़ा जड़ी के नाम से जानते है. ये अपने कामोद्दीपक गुणों के कारण मशहूर है. बता दें कि हिमालय में बर्फ पिघलने पर नेपाल के सैकड़ों ग्रामीण इस जड़ी बूटी को इकट्ठा करने के लिए चोटी की ओर भागते है. वे लोग बहुत सावधानी से इसे साफ़ करके अपने पास रख लेते है. ऐसे में आइये आज हम आपको कीड़ा जड़ी की खेती कैसी होती है और इसके क्या-क्या फायदे है. उसके बारें में विस्तृत रूप में बताते है -

कीड़ा जड़ी की खेती

कीड़ा जड़ी एक तरह की फफूंद है, ये जड़ी पहाड़ों के लगभग 3500 मीटर की ऊंचाई वाले इलाकों में पाई जाती है, जहां ट्रीलाइन ख़त्म हो जाती है, यानी जहां पेड़ उगने बंद हो जाते हैं. एक कीट का कीट का प्यूपा लगभग 5 साल पहले हिमालय और तिब्बत के पठारों में भूमिगत रहता है. अपने सूँडी बनने के दौरान,इस पर ओफियोकार्डिसिपिटैसियस वंश की फफूँदी द्वारा हमला किया जाता है, जो अपने जाल में लपेटकर इस कीड़े को मारता है. इसके बाद यह फफूँदी सूँडी के शरीर में प्रवेश करती है. यह सूँडी से ऊर्जा को चूसने और कीड़े के सिर के माध्यम से अपना रास्ता निकालता है. इसके बाद यह फफूँदी (मशरूम) सूँडी के माथे से निकलती है. इस तरह कीड़ा जड़ी प्राप्त होती है. यह एक विशेष प्रकार की जड़ी बूटी है, जिसकी खेती हर जगह पर नहीं उगती है. कहा जाता है कि इस जड़ी बूटी के लिए सबसे अच्छा मौसम जून से अगस्त होता है. वर्तमान में इसको नियंत्रित वातावरण में ग्रीन हाउस के अंदर विकसित किया जा रहा है.

कीड़ा जड़ी की पहचान

अगर आप कीड़ा जड़ी की ठीक से पहचान नहीं कर पाते हैं, तो हम आपको बता दें कि कीड़ा जड़ी मुख्य रूप से एक कीड़े की तरह होती है, जोकि उगते समय हरे रंग की दिखाई देती है. कीड़ा जड़ी खुरदरा होता है और यह कई जगहों से नुकीला रहता है. इसको खाने के लिए छीला जाता है या फिर कीड़ा जड़ी को चूर्ण या पाउडर में पीसा जाता है.

कीड़ा जड़ी खाने का तरीका

कीड़ा जड़ी को खाने का तरीका बहुत आसान होता है. एक स्वस्थ व्यक्ति एक बार में करीब 0.3 से 0.7 ग्राम के बीच इसका सेवन रोजाना कर सकता है. आप कीड़ा जड़ी को इस तरीके से खा सकते हैं.

  • गर्म पानी में घोलकर.

  • कीड़ा जड़ी क चूर्ण को दूध में मिलाकर पी सकते है.

  • सम्पूर्ण जड़ी बूटी के रूप में.

  • अन्य किसी प्रकार के पेय में मिलाकर.

  • कई मामलों में इसके ज्यादा सेवन की सलाह दी जाती है.

कीड़ा जड़ी के गुण

इस फंगस में प्रोटीन, पेपटाइड्स, अमीनो एसिड, विटामिन बी-1, बी-2 और बी-12 जैसे पोषक तत्व होते हैं, जोकि शरीर को ताक़त देते हैं. आपको बता दें कि खिलाड़ियों का जो डोपिंग टेस्ट किया जाता है, उसमें ये पकड़ा नहीं जाता. किडनी के इलाज में इसे जीवन रक्षक दवा माना गया है. कीड़ा जड़ी को फेफड़ों और गुर्दे को मजबूत करने, ऊर्जा और जीवन शक्ति को बढ़ाने, रक्तचाप को रोकने, कर्कश को कम करने के लिए भी शक्तिशाली माना जाता है. साथ ही पीठ दर्द, शुक्राणु उत्पादन में वृद्धि और रक्त उत्पादन में वृद्धि के लिए उपयोग किया जाता है. इसके अलावा सांस, अस्थमा, नपुंसकता, उत्सर्जन, कमर और घुटनों, चक्कर आना और टिनिटस की सूजन की कमी के लिए लिया जाता है. कीड़ा जड़ी का उपयोग ट्यूमर रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी किया जाता है,  यह जीवन शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है. 

कीड़ा जड़ी के लाजवाब औषधीय गुणों की वजह से इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में करीब 20 से 25 लाख रुपये प्रति किलो तक होती है.

English Summary: Cultivation, identification, properties and method of eating of worm herb Published on: 27 November 2019, 03:29 PM IST

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