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अजोला की खेती किसानों के लिए वरदान, धान के साथ उगाने पर होंगे मालामाल!

भारत में जलवायु के हिसाब से धान की खेती के लिए खरीफ फसल चक्र को सबसे बेहतर मानते हैं. लेकिन अगर किसान धान की फसल में अच्छी पैदावार के साथ अच्छा पैसा भी कमाना चाहते हैं, तो साथ में अजोला की सह-फसली खेती भी कर सकते हैं. धान के साथ अजोला की सह-फसली खेती करने से खेत और फसल को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन मिलता है और पशुओं के लिए पोषण युक्त चारे का इंतजाम भी हो जाता है.

राशि श्रीवास्तव
धान के साथ उगाएं अजोला
धान के साथ उगाएं अजोला

खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली फसलों में धान का एक अपना अहम स्थान है. कई राज्यों में धान की खेती प्रमुखता से की जाती है. धान के खेत में यदि अजोला की भी खेती की जाए तो किसानों को काफी लाभ हो सकता है. अजोला एक जलीय पौधा हैजो पानी के ऊपर एक हरी परत या फर्न के रूप में दिखता है इसके चमत्कारी गुण नाइट्रोजन के साथ-साथ फसल पोषण का भी काम करते हैं ये फसलों के लिए रासायनिक खाद का भी काम करता है. जिससे फसल में कीड़े और बीमारियों की संभावना कम हो जाती है विशेषज्ञों की मानें तो दुधारू पशुओं में बेहतर स्वास्थ्य और अच्छी क्वालिटी के दूध उत्पादन में अजोला किसी वरदान से कम नहीं है. ऐसे आइये जानते हैं धान के साथ अजोला कैसे उगाएं

क्या है अजोला

अजोला एक जलीय फर्न है जो धान की खेती के लिए उपयोगी होता है. इसकी नाइट्रोजन को परिवर्तित करने की दर करीब 25 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर होती है. इसलिए अजोला उगाने से धान की फसल के साथ ही खेत की भूमि को भी फायदा होता है. गौरतलब है कि नाइट्रोजन मिट्टी की सेहत के लिए काफी गुणकारी होता है. अजोला काफी हद तक गर्मी सहन करने वाली होती है.

धान के खेत में अजोला को कैसे उगाएं

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक अजोला को हरी खाद के रूप में पानी से भरे हुए खेत में दो से तीन सप्ताह के लिए अकेले उगाया जाता है. बाद में पानी से बाहर निकालकर अजोला फर्न को धान की रोपाई से पहले खेत में मिला दिया जाता है. और धान की रोपाई के एक सप्ताह बादपानी से भरे खेत में 4-5 क्विंटल ताजा अजोला छिडक़ दिया जाता है. इससे धान में रासायनिक खाद की जरूरत कम पड़ती है.

भूमि की उर्वरता बढ़ाता अजोला

यह वायुमंडल की कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन को कार्बोहाइड्रेट और अमोनिया में बदल देता है और जब इसका अपघटन होता है तब फसल को नाइट्रोजन मिल जाती है. यह मिट्टी को जैविक कार्बन से समृद्ध करता है जो मिट्टी के पोषण के लिए काफी अच्छा होता है.

पशुओं के लिए भी वरदान 

अजोला का उपयोग पशुओंमुर्गीऔर मछली पालन में चारे के रूप में किया जा सकता है. सूखे अजोला को पोल्ट्री फीड के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं और हरा अजोला मछली के लिए भी एक अच्छा आहार है. इसे जैविक खादमच्छर से बचाने वाली क्रीमसलाद तैयार करने और सबसे बढ़कर बायो स्क्वेंजर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह सभी भारी धातुओं को हटा देता है.

ये भी पढ़ेंः अजोला की खेती करने का तरीका

अजोला की खेती में रखें ये सावधानियां

अजोला की खेती के लिए पीएच तापमान 5.5 के बीच होना चाहिएअच्छी उपज के लिए संक्रमण से मुक्त वातावरण का रखना आवश्यक हैअजोला के अच्छे विकास के लिए इसे नियमित रूप से काटना चाहिएअजोला की अच्छी बढ़वार के लिए करीब 35 डिग्री सेल्सियस तापमान होना जरूरी हैठंडे क्षेत्रों में ठंडे मौसम के प्रभाव को कम करने के लिएचारा क्यारी को प्लास्टिक की शीट से ढक देना चाहिएअजोला उगाने के लिए ऐसे स्थान का चयन करना चाहिए जहां सूरज की सीधी और पर्याप्त रोशनी आती हो. क्योंकि छाया वाली जगह में पैदावार कम होती है.

English Summary: Ajola cultivation will be a boon for the farmers, if grown along with paddy, they will be rich! Published on: 13 February 2023, 11:07 AM IST

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