महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड का फार्म इक्विपमेंट सेक्टर (एफईएस), जो 19.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर वाले महिंद्रा समूह का एक घटक है, ने 08 सितंबर, 2020 को अपना नया एडवांस्ड प्रेसिजन पोटैटो प्लांटिंग मशीनरी, 'प्लांटिंग मास्टर पोटैटो +’ लॉन्च किया. पोटैटो मशीनरी में दुनिया में अग्रणी, यूरोपीय सहयोगी, डीवुल्फ के सहयोग से डिजाइन एवं तैयार किये गये, प्लांटिंग मास्टर पोटैटो + को भारतीय कृषि स्थितियों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है, ताकि इससे बेहतर गुणवत्ता युक्त अधिक पैदावार हो.
महिंद्रा और डीवुल्फ ने वर्ष 2019 में पंजाब के प्रगतिशील किसानों को नई प्रेसिजन पोटैटो प्लांटर टेक्नोलॉजी उपलब्ध करायी.इन किसानों ने परंपरागत विधियों के मुकाबले इस नये सिस्टम का उपयोग करने के बाद से पैदावार में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करायी.
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के फार्म इक्विपमेंट सेक्टर के प्रेसिडेंट, हेमंत सिक्का ने बताया, ''दुनिया के दूसरे सबसे बड़े आलू उत्पादक देश के रूप में, आलू की उच्च पैदावार और बेहतर गुणवत्ता के लिए एडवांस्ड फार्म मशीनरी आवश्यक है.'प्लांटिंग मास्टर पोटैटो +' के जरिए, हम भारतीय किसानों के लिए यह तकनीक ला रहे हैं ताकि आलू की खेती की पैदावार व गुणवत्ता बेहतर हो सके. इस प्रोडक्ट को लॉन्च करने के साथ, कुछ बाजारों में रेंटल आधार पर भी प्रेसिजन प्लांटर उपलब्ध है, इसकी खरीद के लिए आसान फाइनेंस का विकल्प भी मौजूद है, ताकि भारतीय किसानों को यह तकनीक आसानी से उपलब्ध हो सके.''
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है, लेकिन यह पैदावार के मामले में पीछे है. भारत में प्रति एकड़ पैदावार 8.5 टन है, जबकि नीदरलैंड्स में यह 17 टन है.फसल के पैदावार के स्तर के निर्धारण में कई तत्वों की भूमिका होती है.उचित कृषि तकनीक का उपयोग उनमें से एक अधिक महत्वपूर्ण कारक है. नया प्लांटिंग मास्टर पोटैटो + पंजाब में बिक्री के लिए, उत्तर प्रदेश में बिक्री और किराये पर और गुजरात में किराये पर उपलब्ध होगा.इसे महिंद्रा के रेंटल एंटरप्रिन्योर नेटवर्क के जरिए उपलब्ध कराया जायेगा.
प्लांटिंगमास्टर पोटैटो + के विषय में
जहां भारत में आलू की खेती बड़े पैमाने पर परंपरागत तरीकों से की जाती है, वहीं खेती के तरीकों में भी कई खामियां हैं.हाथ से की गई रोपाई उनमें से ही एक खामी है और इसके लिए बहुत अधिक मेहनत भी करना पड़ता है.
प्लांटिंगमास्टर पोटैटो + प्रेसिजन पोटैटो प्लांटर है.यह उच्च स्तर का सिंग्यूलेशन सुनिश्चित करता है और इसमें आलू का एक भी बीज बेकार नहीं जाता है.(सिंग्यूलेशन का अर्थ है, एक जगह पर आलू के केवल एक बीज को डाला जाता है और इसमें एक जगह पर कभी भी दो बीज नहीं पड़ते हैं).इसके अलावा, यह प्लांटर सुनिश्चित करता है कि आलू की बुवाई सटीक तरीके से हो, ताकि एक समान गहराई और दो बीजों के बीच एकसमान दूरी सुनिश्चित की जा सके.बुवाई किये गये आलू से बनी मेड़ पर मिट्टी के संघनन का स्तर सही हो.इससे प्रत्येक पौधे को पर्याप्त पानी, सूर्य का प्रकाश और उसके प्रत्येक ट्यूबर के बढ़ने के लिए भरपूर जगह मिलेगी, जिससे कि आलू की बेहतर गुणवत्ता के साथ उसका उत्पादकता भी बढ़ सके.
प्लांटर का डिजाइन इस प्रकार है जिससे इसे एग्रोनॉमी के तरीके के आधार पर समायोजित किया जा सकता है, जैसे कि साबूत आलू के लिए या कटे आलू के लिए, स्ट्रेटलाइन प्लांटिंग या जिगजैग प्लांटिंग और अलग-अलग गहराइयों में प्लांटिंग.
नया प्लांटिंगमास्टर पोटैटो + के कल-पुर्जों और इसकी सर्विसिंग की सुविधा महिंद्रा के डीलरशिप्स में आसानी से उपलब्ध है.इसके लिए फाइनेंस की सुविधा भी उपलब्ध है और इसके साथ 1 साल की मैन्यूफैक्चरिंग वारंटी भी है.
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