मौसम में फेरबदल अभी भी चालू है लेकिन ठंड का असर अब ना मात्र ही रह गया है. पर ऐसे में गर्मी ने अपनी रफ्तार तेज कर दी है. जिसके चलते अब दिन के समय लोग पसीनो-पसीन होने लगे हैं. अगर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कि बात करें, तो दिन के समय गर्म हवाएं चल रही हैं.
जिस वजह से दिल्लीवासियों का मार्च माह में ही बुरा हाल होना शुरू हो गया है. इसके अलावा कई राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश का दौर अभी भी जारी है. जो कुछ हद तक ठंड के असर को बनाए रखा है. अगर बात करें किसानों कि तो उन्हें फसल प्रबंधन को लेकर पहले से ही सतर्क हो जाना चाहिए क्योंकि मौसम की मार फसलों पर असर डाल सकती है. पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) सक्रिय होने की वजह से पहाड़ी इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी से ठंड का असर बढ़ता दिखा. लेकिन दक्षिण भारत के कई हिस्सों में बारिश होने से मौसम खुशनुमा बना रहा.
इसके अलावा मौसम विभाग ने गुजरात में आज और कल और पश्चिमी राजस्थान में 15 -16 मार्च को लू का अलर्ट जारी किया है. जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक समेत कई हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है.ऐसे में आइये निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट वेदर (Skymet Weather) के मुताबिक जानते हैं, आगामी 24 घंटों के मौसम का पूर्वानुमान (Weather Forecast).
देशभर में बने मौसमी सिस्टम
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एक ट्रफ रेखा केरल से आंतरिक कर्नाटका होते हुए मध्य महाराष्ट्र तक फैली हुई है.
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एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे भूमध्यरेखीय हिंद महासागर पर बना हुआ है.
पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में हुई मौसमी हलचल
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पिछले 24 घंटों के दौरान, मध्य महाराष्ट्र के कई हिस्सों, विदर्भ के कुछ हिस्सों, मराठवाड़ा और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में हल्की छिटपुट बारिश हुई.
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गुजरात के कुछ हिस्सों में लू चल रही है. गुजरात, विदर्भ और तेलंगाना के अधिकांश हिस्सों, छत्तीसगढ़ उड़ीसा और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 35 डिग्री से ऊपर रहा.
अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि
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अगले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, दक्षिण कोंकण और गोवा, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और जम्मू कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है.
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अगले दो दिनों के दौरान गुजरात के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति बनी रह सकती है.
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मध्यम गति से चलने वाली उत्तर पश्चिमी हवाएं 2 से 3 दिनों के दौरान भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में जारी रहेंगी.
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