बिहार के पूर्वी चंपारण के रहने वाले राम अयोध्या प्रसाद और उनके भाईयों ने मिलकर पारंपरिक खेती को छोड़ बागवानी शुरू की और आज वह लोग काफी अच्छी कमाई कर रहे हैं. अयोध्या प्रसाद के पास सिर्फ 2 बीघा की जमीन है और उन्होंने अपने परिवार वालों के साथ मिलकर इस खेत में कद्दू की खेती शुरू की जिससे उनकी आज किस्मत बदल गई है. अयोध्या बताते हैं कि उनके गांव में कोई भी इससे पहले कद्दू की खेती नहीं करता था, इसके लिए उन्होंने जिले के कृषि विभाग से संपर्क किया और वहां से इसके बारे में पूरी जानकारी ली.
कद्दू की खेती में कमाई
अयोध्या प्रसाद बताते हैं कि बदलते समय में खुद को भी बदलना चाहिए. आज के इस वैज्ञानिक युग में हमने पारंपरिक खेती को छोड़ नई तकनीक के माध्यम से खेती करने का फैसला लिया और आज हमारी काफी अच्छी कमाई हो रही है. कद्दू की खेती के लिए ट्रैक्टर, मजदूरी और बीजों की खरीद आदि मिलाकर कुल लगभग 12 हजार का खर्च आता है आयोध्या बताते हैं कि एक बार फसल तैयार होने के बाद खेत से लगभग 50 किलो कद्दू निकल जाता है. इसे वह बाजार में बेचकर लगभग 30 से 40 हजार की कमाई आराम से कर लेते हैं.
खेती का तरीका
राम अयोध्या प्रसाद कद्दू की खेती के लिए सबसे पहले कद्दू के बीज को 48 से 72 घंटे के लिए पानी में भिगो देते हैं. इसके बाद खेत की तैयारी के लिए मिट्टी में बीजों को बोया जाता है. इस दौरान खेतों में एक से दो बार मौसम के अनुसार पानी दे दिया जाता है. वह कद्दू की खेती मुख्यत: दिसंबर के महीने में शुरू करते हैं और इस फसल को तैयार होने में फरवरी तक का महीना लग जाता है.
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इन तीन महीनों के दौरान फसल की काफी अच्छे से देखभाल करनी होती है. खेत मे रेखा तैयार करना, मचान बनाना, खाद और कीटनाशक का छिड़काव करना जैसी चीजे होती हैं.
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