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Success Story: जैविक खेती से करोड़पति बने लेखराम यादव, सालाना टर्नओवर 17 करोड़ रुपये के पार

Success Story of Organic Farmer Lekhram: लेखराम यादव ने अपनी खेती की शुरुआत 120 एकड़ से की थी, लेकिन आज वह 550 एकड़ से ज्यादा जमीन पर जैविक खेती कर रहे हैं. लेखराम यादव की मेहनत और समर्पण का परिणाम यह है कि उनका सालाना टर्नओवर 17 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है.

विवेक कुमार राय
Lekhram Yadav, a progressive farmer in his lemon garden
अपने नींबू के बाग़ में प्रगतिशील किसान लेखराम यादव , फोटो साभार: कृषि जागरण

Success Story of Organic Farmer Lekhram: राजस्थान के कोटपूतली क्षेत्र में एक साधारण किसान परिवार में जन्मे लेखराम यादव आज जैविक खेती के एक सफल उदाहरण बन चुके हैं. उनके संघर्ष और सफलता की कहानी न केवल किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि यह यह भी दर्शाती है कि अगर मेहनत और सही दिशा मिले तो कोई भी इंसान अपनी किस्मत बदल सकता है. लेखराम यादव ने अपनी खेती की शुरुआत 120 एकड़ से की थी, लेकिन आज वह 550 एकड़ से ज्यादा जमीन पर जैविक खेती कर रहे हैं. उनका यह सफर कठिनाईयों से भरा था, लेकिन उनके संघर्ष और अनूठी सोच ने उन्हें सफलता दिलाई.

इन्हें जिले, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई अवार्ड मिल चुके हैं. हाल ही में, लेखराम यादव को कृषि जागरण द्वारा आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स-2024 में  मिलियनेयर ऑर्गेनिक फार्मर ऑफ इंडिया (Millionaire Organic Farmer of India) कैटेगरी में नेशनल अवार्ड मिला. यह पुरस्कार उन्हें उनकी कड़ी मेहनत और नवाचार के लिए मिला. इस पुरस्कार ने उन्हें और भी प्रोत्साहित किया इस दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया.

लेखराम यादव की प्रारंभिक कहानी

कृषि जागरण से बातचीत में युवा किसान लेखराम यादव ने बताया कि उनका कृषि क्षेत्र से जुड़ाव पहले से था, लेकिन उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब वह पढ़ाई के दौरान एक लैब में कुछ काम कर रहे थे. वहां एक महिला क्वालिटी मैनेजर थीं, जो रिटायर होने वाली थीं. जब उन्होंने उनसे पूछा कि वह भविष्य में क्या करने का सोच रही हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, "हमने एक छोटा फार्म हाउस लिया है, जहां हम शांति से अपना जीवन व्यतीत करेंगे."

Lekhram Yadav, a progressive farmer in the cabbage field
पत्ता गोभी के खेत में प्रगतिशील किसान लेखराम यादव , फोटो साभार: कृषि जागरण

यह बात उनके दिल को छू गई. उन्होंने सोचा, "अगर अंत में यही जीवन का उद्देश्य है, तो क्यों न अभी से इस दिशा में कदम रखा जाए?" तभी से उनके मन में खेती को एक पेशे के रूप में अपनाने का विचार आया.

यूट्यूब से मिली प्रेरणा

जब लेखराम ने खेती शुरू करने का निर्णय लिया, तो उन्होंने जैविक खेती से शुरुआत की. शुरूआत में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और जैविक खेती से अपेक्षित परिणाम नहीं मिले. इसी दौरान उन्होंने यूट्यूब पर जैविक खेती और उन्नत तकनीकों से जुड़े वीडियो देखना शुरू किया. यूट्यूब पर उन्होंने ताराचंद बेलजी तकनीक (TCBT) का वीडियो देखा, जो ऊर्जा विज्ञान पर आधारित था.

Progressive farmer Lekhram Yadav with his guru Tarachand Belji in his farm
अपने फार्म में प्रगतिशील किसान लेखराम यादव अपने गुरु ताराचंद बेलजी के साथ , फोटो साभार : कृषि जागरण

इस तकनीक के बारे में बताया गया था कि किस तरह से पौधों के लिए ऊर्जा को सकारात्मक, नकारात्मक और न्यूट्रल के रूप में पहचान कर उसे नैनो टेक्नोलॉजी के माध्यम से पौधों में लाभकारी बनाया जा सकता है. इस तकनीक ने लेखराम को बहुत प्रभावित किया और उन्होंने इसे अपनी खेती में लागू करने का निर्णय लिया. यह एक ऐसा मोड़ था, जिसने उनकी खेती को नया दिशा दी.

तकनीकी बदलाव और खेती में सुधार

लेखराम यादव ने ताराचंद बेलजी तकनीक (TCBT) को अपनाया, जिससे उनकी खेती में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया. TCBT तकनीक के माध्यम से उन्होंने ऊर्जा के सही संतुलन को समझा और उसे अपने खेतों में लागू किया. नतीजतन, उन्होंने देखा कि पौधों की वृद्धि में तेजी आई और उनकी फसलों का स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ. उन्होंने इसके बाद वृक्षायुर्वेद का फार्मूला भी अपनाया, जो जैव रसायन और भस्म रसायन पर आधारित था. इस फार्मूले के इस्तेमाल से पौधों को जबरदस्त लाभ हुआ और लेखराम की फसलों ने अद्भुत परिणाम दिखाए.

Kisan Lekhram Yadav preparing organic manure
जैविक खाद तैयार करते हुए किसान लेखराम यादव , फोटो साभार: कृषि जागरण

इस सफलता ने लेखराम यादव को यह विश्वास दिलाया कि जैविक खेती में न केवल भविष्य है, बल्कि यह किसान समुदाय के लिए एक वरदान भी साबित हो सकती है. उन्होंने देखा कि पारंपरिक तरीकों से ज्यादा बेहतर परिणाम जैविक खेती के माध्यम से मिल सकते हैं. इसके बाद उन्होंने अपनी खेती का क्षेत्र बढ़ाने का निर्णय लिया और 120 एकड़ से 550 एकड़ तक अपनी खेती का विस्तार किया.

विविधता से भरी खेती

प्रगतिशील किसान लेखराम यादव की खेती में एक विशेषता है कि उन्होंने अपनी खेती में विविधता अपनाई. वह सभी प्रकार की सिजनल क्रॉप्स की खेती करते हैं. उनकी जमीन पर गेहूं, चना, सरसों, बाजरा जैसे सामान्य कृषि उत्पाद उगाए जाते हैं. इसके साथ ही, लेखराम यादव ने मसालों की खेती भी शुरू की, जिसमें जीरा, कस्तूरी मेंथी और मिर्च शामिल हैं. इन फसलों की बढ़िया पैदावार होने के कारण उन्होंने इनका भी बड़े पैमाने पर उत्पादन करना शुरू किया.

Lekhram Yadav, a progressive farmer in his carrot field
अपने गाजर के खेत में प्रगतिशील किसान लेखराम यादव , फोटो साभार: कृषि जागरण

सब्जियों की खेती भी लेखराम के फार्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. वह लगभग 60 से 70 एकड़ जमीन पर सब्जियों की खेती करते हैं, जिसमें टमाटर, आलू, गाजर, शिमला मिर्च, और अन्य सब्जियां शामिल हैं. इसके अलावा, उन्होंने भारत में उगाए जाने वाले प्रमुख फलों जैसे आम, अमरूद, पपीता और अन्य कृषि उत्पादों की भी बड़े पैमाने पर खेती शुरू की है. उनके खेतों में उगाए गए फल और सब्जियां जैविक होने के कारण बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक होते हैं.

सफलता और पुरस्कार

लेखराम यादव की मेहनत और समर्पण का परिणाम यह है कि उनका सालाना टर्नओवर 17 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है. उनकी खेती के मॉडल को अब किसान समुदाय के बीच एक आदर्श के रूप में माना जाने लगा है. लेखराम यादव की सफलता ने साबित कर दिया है कि जैविक खेती के जरिए बड़े पैमाने पर सफलता हासिल की जा सकती है, बशर्ते सही तकनीक और मेहनत का सही तरीका अपनाया जाए.

कृषि जागरण द्वारा आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स-2024 में  मिलियनेयर ऑर्गेनिक फार्मर ऑफ इंडिया कैटेगरी में  प्रगतिशील किसान लेखराम यादव को मिला 'नेशनल अवार्ड '
कृषि जागरण द्वारा आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स-2024 में  मिलियनेयर ऑर्गेनिक फार्मर ऑफ इंडिया कैटेगरी में प्रगतिशील किसान लेखराम यादव को मिला 'नेशनल अवार्ड '

कृषि जागरण का योगदान

कृषि जागरण ने भारतीय किसानों के लिए कई बड़ी पहलें की हैं. इन्हीं पहलों में से एक MFOI Awards भी है. कृषि जागरण से बातचीत में युवा किसान लेखराम यादव ने MFOI Awards को लेकर कहा, “कृषि जागरण ने किसानों के लिए एक बहुत बड़ा मंच उपलब्ध किया है, जिससे उनकी मेहनत और संघर्ष को सही पहचान मिलती है. यह अवार्ड किसानों के मनोबल को बढ़ाने का काम करता है और उनके आत्मविश्वास को मजबूत बनाता है. इस अवार्ड्स के लिए मैं कृषि जागरण के संस्थापक एवं प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक, प्रबंध निदेशक शाइनी डोमिनिक जी और कृषि जागरण टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं.“

Progressive farmer Lekhram Yadav with his friend in the maize field
मक्के को अपने हाथ में लिए प्रगतिशील किसान लेखराम यादव अपने मित्र नीतीश यादव के साथ, फोटो साभार कृषि जागरण

UB Organic India Pvt. Ltd.

लेखराम यादव का अपना ब्रांड है UB Organic India Pvt. Ltd., जो जैविक उत्पादों के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम बन चुका है. इस ब्रांड के तहत वह अनाज, सब्जियां, फल, मसाले और अन्य जैविक उत्पादों की मार्केटिंग करते हैं.

उनका उद्देश्य सिर्फ खेती करना नहीं है, बल्कि जैविक उत्पादों को एक बड़े पैमाने पर बाजार में प्रस्तुत करना है. उनका मानना है कि जैविक उत्पादों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है और इसमें बड़ा व्यवसायी अवसर छिपा है.

प्रगतिशील किसान लेखराम यादव का इंटरव्यू देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें- Link

English Summary: success story of Rajasthan organic farmer Lekhram, with an annual turnover of over 17 crore Published on: 18 December 2024, 01:04 PM IST

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