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Success Story: गेंदा फूल की जैविक खेती से किसान कमा रहा लाखों, सालाना आमदनी 30 लाख रुपये से ज्यादा!

Success Story of Rajasthan Organic Farmer: सुरेंद्र कुमार, सीकर (राजस्थान) के प्रगतिशील किसान हैं, जो 1 हेक्टेयर में जैविक गेंदा फूल की खेती (organic farming of marigold flowers) कर सालाना 20 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. जैविक विधियों, ड्रिप सिंचाई और बेहतर मार्केटिंग से उन्होंने कुल टर्नओवर 30 लाख रुपये से अधिक तक पहुंचाया है, जो किसानों के लिए प्रेरणा है.

विवेक कुमार राय
Success Story of Rajasthan Organic Farmer Surender Kumar
राजस्थान के जैविक किसान सुरेंद्र कुमार, फोटो साभार: कृषि जागरण

Success Story of Rajasthan Organic Farmer: राजस्थान के सीकर जिले के रहने वाले सुरेंद्र कुमार उन किसानों में से एक हैं जिन्होंने परंपरागत खेती की सीमाओं को पीछे छोड़ते हुए नवाचार, जैविकता और तकनीक को अपनाकर अपने खेतों को न केवल लाभकारी व्यवसाय में बदला, बल्कि आसपास के किसानों के लिए भी प्रेरणा बन गए हैं. उनके पास कुल 4 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें से 1 हेक्टेयर पर वे मुख्य रूप से गेंदा फूल (मैरीगोल्ड येलो) की जैविक खेती (organic farming of marigold flowers) करते हैं. शेष भूमि पर वे पारंपरिक फसलें जैसे मूंग, मूंगफली, बाजरा और ग्वार उगाते हैं.

गेंदा फूल की खेती से ही वे प्रति माह 1.50 लाख से 1.80 लाख रुपये तक की बिक्री कर लेते हैं. पूरे साल की बात करें तो वे गेंदा फूल की खेती से करीब 20 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा लेते हैं. वही सभी फसलों और फूलों से होने वाली कुल आमदनी से उनका वार्षिक टर्नओवर 30 लाख रुपये से अधिक पहुंच जाता है. ऐसे में आइए उनकी सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं-

पारंपरिक खेती से आधुनिक जैविक खेती तक का सफर

प्रगतिशील किसान सुरेंद्र कुमार ने लगभग 10 साल पहले खेती की दुनिया में कदम रखा था. शुरुआत में वे भी अन्य किसानों की तरह पारंपरिक तरीकों से काम करते थे. लेकिन रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से भूमि की गुणवत्ता गिर रही थी, उत्पादन में गिरावट आ रही थी और लागत भी बढ़ रही थी.

इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने 4 साल पहले जैविक खेती को अपनाने का निर्णय लिया. इससे धीरे-धीरे उनकी खेत की मिट्टी की सेहत सुधरने लगी, सिंचाई की आवश्यकता कम हुई और उत्पाद की गुणवत्ता व मात्रा दोनों में सुधार दिखा, तब उन्हें समझ में आया कि उनका फैसला सही था.

गेंदा फूल की किस्म और उसकी विशेषता

युवा किसान सुरेंद्र कुमार मुख्य रूप से मैरीगोल्ड येलो नामक गेंदा फूल की किस्म उगाते हैं, जिसे आमतौर पर पीला गेंदा कहा जाता है. इस फूल की खासियत यह है कि यह 6 महीने तक लगातार उत्पादन देता है. यानी एक बार पौध रोपने के बाद 6 माह तक फूल मिलते रहते हैं. यही नहीं, इसकी मांग भी पूरे साल बनी रहती है – शादी-विवाह, त्योहार, धार्मिक अनुष्ठान, सजावट, हवन-पाठ जैसे हर कार्य में इसकी आवश्यकता होती है.

वह साल में दो बार - मई और अक्टूबर में पौधों की रोपाई करते हैं. इस प्रकार वे साल में दो सीजन में गेंदा फूल की खेती करके निरंतर आमदनी प्राप्त करते हैं.

जैविक उत्पादों का प्रयोग और उसका प्रभाव

सुरेंद्र कुमार अपने खेतों में जायडेक्स कंपनी के जैविक उत्पादों का प्रयोग करते हैं, जिनमें जायटॉनिक-एम, जायटॉनिक-एक्टिव, जायटॉनिक जिंक, जायटॉनिक नीम, जायटॉनिक मिनी किट और जायटॉनिक सुरक्षा उत्पाद शामिल हैं. इन जैविक उत्पादों के नियमित प्रयोग से फूलों और अन्य फसलों की गुणवत्ता, उत्पादन क्षमता, प्रतिरोधक क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

उनका कहना है कि अब मिट्टी भुरभुरी हो गई है, जल धारण क्षमता बढ़ी है और पानी की जरूरत पहले की तुलना में आधी हो गई है. उदाहरण के लिए, पहले उन्हें हर दूसरे दिन सिंचाई करनी पड़ती थी, लेकिन अब चौथे दिन ही सिंचाई करनी होती है. इससे सिंचाई पर होने वाला खर्च भी घटा है.

आधुनिक सिंचाई प्रणाली - ड्रिप इरिगेशन

सिंचाई के लिए प्रगतिशील किसान सुरेंद्र कुमार ने पारंपरिक विधियों की जगह ड्रिप इरिगेशन प्रणाली अपनाई है. इस विधि में पौधों की जड़ों तक सीधे पानी पहुंचाया जाता है, जिससे न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि खाद और पोषक तत्वों की प्रभावशीलता भी बढ़ती है. ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से वे कम संसाधनों में अधिक उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं.

Surender Kumar in his marigold farm

फूलों की बिक्री और मंडी में रणनीति

सुरेंद्र कुमार अपने फूलों को सीकर और जयपुर की प्रमुख मंडियों में बेचते हैं. वे प्रतिदिन 1.50 क्विंटल से 3 क्विंटल तक गेंदा फूल लेकर मंडी जाते हैं.

वही फूलों की कीमत बाजार में मांग, आपूर्ति और पर्व-त्योहारों पर निर्भर करती है. अब तक वे अपनी उपज 80 रुपये से 250 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर बेच चुके हैं. जब मंडी में माल ज्यादा और मांग कम होती है, तो कीमतें गिरती हैं, लेकिन फिर भी गेंदा जैसे फूल की स्थायी मांग उन्हें लगातार आमदनी देती है.

Success Story of Rajasthan organic farmerSurender Kumar
अपने गेंदा फूल के खेत में खड़े राजस्थान के जैविक किसान सुरेंद्र कुमार, फोटो साभार: कृषि जागरण

अन्य फसलें और फूलों की खेती

गेंदा फूल के अलावा, वे सर्दियों में जाफरी और गुलदाउदी जैसे फूलों की खेती भी करते हैं, जो शादी और त्योहारों के सीजन में काफी बिकते हैं. इसके साथ ही वे मूंग, मूंगफली, बाजरा और ग्वार जैसी फसलें भी उगाते हैं. इन फसलों से उन्हें अतिरिक्त आमदनी होती है और खेती का चक्र पूरे साल चलता रहता है.

किसानों को प्रेरणा देने वाला संदेश

प्रगतिशील किसान सुरेंद्र कुमार मानते हैं कि खेती सिर्फ मेहनत का काम नहीं है, बल्कि यह समझदारी और वैज्ञानिक सोच का भी क्षेत्र है. जैविक खेती न केवल आय बढ़ाती है, बल्कि मिट्टी, पानी और पर्यावरण की रक्षा भी करती है. वे कहते हैं कि एक बार यदि किसान जैविक खेती की ओर कदम बढ़ा ले, तो भविष्य में इसका लाभ कई गुना मिलता है.

English Summary: Success Story of Rajasthan organic farmer earning 30 lakh rupees from organic farming of marigold flowers Published on: 01 August 2025, 05:27 PM IST

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