![khajoor farming in rajasthan](https://kjhindi.gumlet.io/media/56797/kehraram3.jpg)
आपने अक्सर सुना होगा कि खेती-किसानी एक घाटे का सौदा है, लेकिन आपको बता दें कि राजस्थान के केहराराम चौधरी ने इस कहावत को गलत साबित कर दिया है. दरअसल, केहराराम चौधरी राजस्थान के जालौर जिले के दाता गांव के एक सफल और समृद्ध किसान हैं. इनके पास कुल 7 हेक्टेयर जमीन है, जिसमें ये इजराइली तकनीक से खजूर की ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. यानी इसमें किसी भी रासायनिक खाद एवं उर्वरकों का उपयोग नहीं किया जाता है. वह सिर्फ गोबर खाद एवं केंचुआ खाद का ही उपयोग करते हैं. केहराराम चौधरी खजूर की ऑर्गेनिक खेती से आम किसान की तुलना में काफी ज्यादा पैसा कमा लेते हैं.
केहराराम चौधरी ने इस तरीके से की शुरुआत
केहराराम चौधरी एक सफल किसान हैं, ये दूसरे किसानों के लिए अपने आप में एक प्रेरणा हैं. असल में केहराराम चौधरी ने 10 साल पहले अनार की खेती से अपने इस अनोखे सफर की शुरुआत की थी. वे अपने पहले ही प्रयास में अनार की खेती में सफल होते हैं और अच्छी पैदावार प्राप्त करते हैं. इसे देखते हुए कई किसानों ने अनार की खेती शुरू की और आज दाता गांव के साथ-साथ जिले के सैकड़ों किसान बड़ी मात्रा में अनार निर्यात कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: जानें, खजूर की प्रमुख किस्मों और फल अवस्था के बारे में
खजूर की खेती की इस तरीके से की शुरुआत
केहराराम चौधरी के साथ-साथ जालौर के दाता गांव के किसानों ने 5 साल पहले 3500 रुपये की कीमत पर उद्यान विभाग से खजूर के 2 अलग-अलग किस्म के 600 पौधों से खजूर की खेती की शुरुआत की थी. अब ये खजूर के पौधे परिपक्व हो गए हैं किसानों को अच्छा खासा पैसा कमा कर दे रहे हैं.
सरकार भी कर रही है सहायता
राजस्थान के जालौर समेत 12 जिलों में जैसे बाड़मेर, चूरू, जैसलमेर, सिरोही, श्रीगंगानगर, जोधपुर, हनुमानगढ़, नागौर, पाली, बीकानेर व झुंझुनूं में मेडजूल और बरही किस्म की खजूर की खेती की जा रही है. खजूर के मूल उत्पादक खाड़ी देशों जैसी जलवायु को देखते हुए ही राज्य सरकार यहां खजूर की खेती को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए किसानों को आयातित और टिश्यू कल्चर से तैयार पौध उपलब्ध कराने के साथ तकनीकी सहयोग भी दिया जा रहा है.
मेडजूल और बरही किस्म को लगाने का तरीका
पौध को जुलाई से सितंबर के बीच किसी भी किस्म की मिट्टी में लगा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि एक पौधे से दूसरे पौधे और एक कतार से दूसरी कतार के बीच 8 मीटर की दूरी होनी चाहिए. इसके अलावा आप एक हेक्टेयर में 156 पौधे ही लगा सकते हैं.
Share your comments