1. Home
  2. खेती-बाड़ी

जानें, खजूर की प्रमुख किस्मों और फल अवस्था के बारे में

खजूर पेड़ से अच्छे फल लेने के लिए पकाव अवस्था में वर्षा नहीं होनी चाहिए या बहुत कम वर्षा होनी चाहिए. देश में जून माह में मानसून की शुरुआत हो जाती है साथ की खजूर पकाव भी होने लगता है, और नमी के कारण फल खराब हो जाते हैं.

हेमन्त वर्मा
Datepalm
Datepalm Fruit

खजूर पेड़ से अच्छे फल लेने के लिए पकाव अवस्था में वर्षा नहीं होनी चाहिए या बहुत कम वर्षा होनी चाहिए. देश में जून माह में मानसून की शुरुआत हो जाती है साथ की खजूर पकाव भी होने लगता है, और नमी के कारण फल खराब हो जाते हैं. इसलिए अधिकतर डोका अवस्था में ही देश में तुड़ाई कर ली जाती है. राजस्थान और गुजरात के रेगिस्तान इलाका खजूर की बढ़वार और उपज लेने के लिए सर्वोतम है. तो आइये जानते हैं खजूर फल की अवस्थाएँ और क़िस्मों के बारे में- 

खजूर फल की अवस्थाएं (Satges of Date palm fruit)

खजूर में फल पकाव की पाँच अवस्थाएं होती हैं. पहली अवस्था को हब्बाक कहते हैं जो परागण (Pollination) के 4 सप्ताह तक रहती है. इसमें अपरागित कार्पल्स गिरते हैं. दूसरी अवस्था में फलों का हरा रंग हो जाता है और नमी की मात्रा 85% तक होती है, इसे गंडोरा (कीमरी) अवस्था कहते हैं. तीसरी अवस्था डोका (खलल) कहलाती है, जिसमें फल कठोर पीले या गुलाबी या लाल रंग के होते हैं. जिनका वजन 10-15 ग्राम तथा स्वाद में कसैले होते हैं. फल में टीएसएस की मात्रा 30-45% और नमी 50-65% होती है. चौथी अवस्था डेंग (रुतब) है, जिसमें फल खाने योग्य हो जाते हैं और फल की टीप मुलायम होना शुरू हो जाती है. अंतिम पिण्ड (तमर) अवस्था है जिसमें फल पूरी तरह से पक जाते हैं और TSS की मात्रा 30-64% होती है. 

Dates Farming
Dates Farming

देश में खजूर की प्रमुख किस्में  (Major varieties of Date palm in the country)

बरही खजूर किस्म: इस किस्म की उत्पत्ति बसरा, इराक से हुई है. इस किस्म के फल मध्यम आकार के और डोका अवस्था में सुनहरे पीले रंग के होते हैं. इस किस्म के फल डोका अवस्था से पहले साधारण कसैले नहीं होते हैं. फल का औसत वजन 13.6 ग्राम, कुल घुलनशील ठोस पदार्थ (TSS) 31% होता है. यह मध्यम देरी पकने वाली किस्में है, जिसके फल डोका अवस्था में मीठे एवं स्वादिष्ट होते हैं. इसकी अन्य किस्मों से अलग पहचान इसी कारण होती हैं. इजराइल में इसकी औसत पैदावार 200 किलोग्राम प्रति पौधा है. इसके पके फल काफी मुलायम होते हैं और इस अवस्था पर वर्षा होने से काफी नुकसान होता है. इससे सकर्स का उत्पादन कम, सामान्यतः तीन से पांच होता है.

मैडजूल खजूर किस्म: इस किस्म की उत्पत्ति मोरक्को देश से हुई है. इसके फलों का रंग डोका अवस्था में पीला नारंगी लिए हुए होता है, लेकिन इस अवस्था में फल कसैले होते हैं. इस किस्म के फल आकार में काफी बड़े 20 से 40 ग्राम वजन आकर्षक होते हैं. फल का औसत वजन 22.80 ग्राम और कुल घुलनशील ठोस पदार्थ (Total Solubilised Solid) 34.5 % तथा फल देरी से पक कर तैयार होते हैं. इस किस्म के फलों में वर्षा से कम नुकसान होता है. इससे 20 से 25 तक अंतः भूस्तारी (Off shoot) का उत्पादन आसानी से हो जाता है.

खलास खजूर किस्म: इस किस्म के फल डोका अवस्था में पीले एवं मीठे होते हैं. फल का औसत वजन 15.2 ग्राम तथा कुल घुलनशील ठोस पदार्थ की मात्रा 25% होती है. फल मध्यम अवधि में पककर तैयार हो जाते हैं.

हलावी किस्म: इसके फल डोका अवस्था में पीले एवं मीठे होते हैं, जिसमें कसैलापन बिलकुल कम होता है. फल का औसत वजन 12.6 ग्राम, कुल घुलनशील ठोस ग्राम पदार्थ (टीएसएस) 31% होता है. इस किस्म के फल जल्दी पक कर तैयार हो जाते हैं.

जाहिद खजूर किस्म: इस किस्म के फल डोका अवस्था में पीले एवं कसैले होते हैं. फल काफी ठोस तथा उनका छिलका काफी चिकना और सख्त होता है, जिससे इसके फल वर्षा होने पर आसानी से खराब नहीं होते हैं. इन गुणों के कारण इसके फलों के पिंड अच्छे बनते हैं. फल का औसत वजन 10.1 ग्राम तथा कुल घुलनशील ठोस पदार्थ की मात्रा 35.5% होती है, जो देरी से पक कर तैयार होते हैं.

खदरावी खजूर: इस किस्म के फल डोका अवस्था में पीला हरापन लिए तथा कसैले होते हैं. फल का औसत वजन 12.9 ग्राम तथा कुल घुलनशील ठोस पदार्थ की मात्रा 36% होती है, फलों की परिपक्वता की अवधि मध्यम होती है. डोका अवस्था और उसके बाद की अवस्थाओं में फलों को वर्षा एवं अधिक वातावरणीय नमी से बहुत अधिक हानि होती है.

शामरन किस्म: इस किस्म के फल डोका अवस्था में निचले सिरे पर हल्की बैंगनी झाई लिए पीले होते हैं. इस अवस्था में फल कसैले होते हैं. फल का औसत वजन 13.3 ग्राम और उसमें घुलनशील ठोस पदार्थ की मात्रा 34.5% होती है. फलों की परिपक्वता (Maturity) की अवधि मध्यम होती है.

खुनेजी किस्म: इसके फल डोका अवस्था में लाल रंग के तथा पीले होते हैं. फलों का गूदा कुरकुरा तथा स्वादिष्ट होता है. फल का औसत वजन 10.2 ग्राम तथा कुल घुलनशील ठोस पदार्थ की मात्रा 43% होती है, जो जल्दी पक कर तैयार हो जाते हैं.

जुगलूल किस्म: इसके फल डोका अवस्था में लाल रंग के और कसैले होते हैं. फल का औसत वजन 10.7 ग्राम तथा कुल घुलनशील ठोस पदार्थ की मात्रा 28% होती है. फल देरी से पक कर तैयार होते हैं.

English Summary: Know about the major Date palm varieties and fruit stages Published on: 30 March 2021, 10:47 AM IST

Like this article?

Hey! I am हेमन्त वर्मा. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News