जब देशभर के अधिकांश आलू के किसानों ने अपनी उपज की गुणवत्ता और वजन में कमी के चलते खुद को मजबूर पाया, तो वहीं उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के जाने-माने किसान अनुज त्यागी ने उन्हें (किसानों को) उच्च उपज और गुणवत्ता प्राप्त करने का रास्ता दिखाया.
अनुज त्यागी ने उन कृषि विशेषज्ञों की बात का पालन किया, जिन्होंने पौधों की वृद्धि और विकास में सल्फर की भूमिका पर जोर दिया है. उनके अनुसार सल्फर, फसलों हेतु नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश के बाद चौथा प्रमुख पोषक तत्व है, जो पत्तियों में क्लोरोफिल के निर्माण में मदद करता है.
कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को इस तथ्य से अवगत कराया कि सल्फर की कमी से पौधों में प्रकाश संश्लेषण और एंजाइमों की गतिविधि धीमी हो जाती है, जिसके कारण पौधों की वृद्धि और विकास में बाधा पहुंचती है. सल्फर आलू में स्टार्च की मात्रा बढ़ाता है जिससे आलू वजनदार एवं एक समान आकर में बनता है. यह आलू की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है.सल्फर को मिट्टी का सुधारक भी कहा जाता है क्योंकि यह मिट्टी के पीएच को कम करता है.
मैंने अपनी आलू की फसल में महाधन बेनसल्फ सुपरफास्ट(90% सल्फर) का बुवाई के समय उपयोग किया, जिसके कारण आलू एक समान आकर में वजनदार एवं चमकदार प्राप्त हुआ.पौधे का विकास तेजी से हुआ, पौधा हराभरा एवं ओजपूर्ण बना रहा.
फसल में चूर्णिल आसिता (पाउडरी मिल्ड्यू) रोग नहीं लगा. जिसके कारण मुझे पिछले वर्ष की तुलना में 14.5 कुंटल/एकड़ अतिरिक्त उपज मिली, जिससे मुझे लगभग 15,350 रुपये/एकड़ के अतिरिक्त शुद्ध मुनाभा प्राप्त हुआ, इसका श्रेय मैं महाधन बेनसल्फ सुपरफ़ास्ट को ही दूंगा.”ये बातें श्री अनुज त्यागी ने कही, जो कि क्षेत्र के अन्य आलू किसानों को अपने तरीके अपनाने तथा बेहतर उपज और गुणवत्ता के लिए सल्फर उर्वरकों का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
शोध और सर्वेक्षणों से पता चलता है कि कई भारतीय राज्यों की मिट्टी में सल्फर की कमी है. इसलिए, सल्फर उर्वरकों का उपयोग हमारे देश में अब एक आम बात हो गई है.अब हापुड़ जिले के अलावा, देश के काफी किसान सल्फर का लाभ उठा रहे हैं. बाजार में कई प्रकार के सल्फर युक्त उर्वरक और बेंटोनाइट सल्फर उपलब्ध हैं.
क्षेत्र के कई किसानों की प्रतिक्रिया के अनुसार, महाधन "बेनसल्फ सुपरफास्ट" आलू के लिए सबसे प्रभावी उर्वरक की तरह एक अगुआ के रूप में उभरा है. यह सल्फर युक्त दानेदार उर्वरक है, जिसमें 90% सल्फर होता है. इसकी सुपरफास्ट रिलीज़ (तेजी से घुलने वाली) तकनीक के कारण, बेनसल्फ सुपरफास्ट कम नमी की स्थिति में भी प्रभावी है. यह दानेदार सल्फर तेजी से घुलता है और उपयोग के बाद 3 से 4 दिन में ही फसल को मिलना शुरू हो जाता है और लंबी अवधि तक यानि उपयोग के 75 वें दिन तक फसल को प्राप्त होता रहता है.
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यह फसल की हरियाली बढ़ाकर तेजी से विकास करता है. महाधन बेनसल्फ सुपरफास्ट का उपयोग करने वाले स्थानीय किसानों ने बताया कि आलू की बुवाई के समय, 15 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करने पर यह बहुत फायदेमंद है.
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