यदि आप अपने सधे कारोबार को छोड़कर एक दूध डेयरी का इरादा करते हैं तो यह कभी आसान नहीं रहता है। लेकिन इन शख्स की कहानी कुछ और ही कह रही है। लेकिन मध्य प्रदेश के रतलाम के मंगरौल निवासी अनिल सिसौदिया ने अपनी सफलता की इबारत से रोजगार की तलाश कर रहे लोगों के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
वह कहते हैं कि यदि व्यापार अच्छे इरादे से किया जाए तो वाकई सफलता हासिल की जा सकती है। तो वहीं अपने दूध डेयरी के विचार के बारे में वह कह रहें हैं कि उन्होंने अपनी घूमने फिरने की आदत से यह इरादा बनाया और कामयाबी हासिल की। मुर्रा नस्ल की भैंसों के साथ उन्होंने डेयरी शुरु की थी। आज के समय में वह महीने में 70 से 80 हजार रुपए कमा लेते हैं।
आज आधुनिक तरीकों से उन्होंने डेयरी फार्म को सुसज्जित कर रखा है। जिसमें लगभग 30 मवेशी हैं। फार्म पर सबसे ज्यादा ध्यान साफ-सफाई का रखा जाता है। दूध दुहने का काम सिर्फ मशीन से ही किया जाता है। जिसे दो से तीन घंटे के अंदर पैकिंग कर दी जाती है। जिनकी की एक कीमत लगभग 90 हजार से लेकर लगभग डेढ़ लाख तक है। उनका मानना है कि वह शुरुआत से ही अत्याधुनिक तरीके से अपने डेयरी फार्म विकसित करना चाहते थे जिसे उन्होंने बड़ी अच्छी तरीके अंजाम दिया। वह कहते हैं कि अभी उनकी सफलता का दौर थमा नहीं हैं। जल्द ही वह गाय का फार्म बनाना चाहते हैं। इस बीच उनकी अच्छी मार्केट सप्लाई से दूध की मांग बढ़ती जा रही है।
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