अक्सर किसानों को सब्जियों के सही दाम नहीं मिल पाते हैं. इस कारण से कई किसान धान और गेहूं की खेती की ओर रुख कर लेते हैं. मगर बिहार के कैमूर जिले का एक किसान ऐसा भी है, जो किराए की जमीन पर सब्जियों की खेती करके अच्छा मुनाफ़ा कमा रहा है. आज हम ऐसे ही 41 वर्षीय सफल किसान की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनका नाम शिवमुनि साहनी है.
किराए की जमीन पर की खेती
किसान के पास खेती करने के लिए खुद की जमीन नहीं है, लेकिन खेती करने की चाह में अपने गांव से 3 किलोमीटर दूर 40 बीघा जमीन किराए पर ली है. यहां किसान लगभग 12 सालों से सब्जियों की खेती कर रहे हैं. किसान ने सब्जियों की खेती करके अपनी एक अलग पहचान बनाई है. पढ़े-लिखे न होने के बावजूद भी कई किसान को सब्जियों की खेती की जानकारी देते हैं.
सब्जियों की खेती से कमाई
किसान के पास अपनी जमीन नहीं है, इसके बावजूद सिर्फ सब्जियों की खेती से सालभर में 5 से 6 लाख रुपए की कमाई करते हैं. किसान का कहना है कि 12 साल पहले सभी किसानों की तरह धान और गेहूं की खेती करते थे, लेकिन इससे उन्हें अच्छा मुनाफ़ा नहीं हो पाता था. ऐसे में उन्होंने नगदी फसल यानी सब्जियों की खेती करने का मन बनाया.
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मौसम के अनुसार करते हैं खेती
किसान का कहना है कि वह मौसम के अनुसार ही सब्जियों की खेती करते हैं. इनमें लौकी, करेला, मटर, खीरा, भिंडी, टमाटर, कद्दू फसलें प्रमुख हैं. वह अकेले खेती नहीं करते, बल्कि उनका परिवार भी खेतीबाड़ी में उनका साथ देता है. किसान की मानें, तो वह लगभग 1 लाख रुपए जमीन का किराया देते हैं, इसके अलावा लगभग 2 लाख रुपए की लागत खेती में लग जाती है. इसके अलावा उन्हें सालभर में लगभग 5 से 6 लाख रुपए तक का मुनाफा हो जाता है.
अगर कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन की बात करें, तो इस दौरान भी किसान ने आसानी से सब्जियां बेची हैं. किसान का कहना है कि कोरोना काल में बाजार में सब्जियों की सही कीमत नहीं मिल पाई है. इस कारण दुकानदारों ने भी सब्जियां महंगी बेची हैं. किसान की मांग है कि सरकार सब्जी किसानों से खरीदने के लिए एक सरकारी केंद्र बनाए. इससे हम किसानों को सब्जियों की सही कीमत मिल पाएगी.
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