रोजगार की तलाश कर रहे युवा कई बार स्वयं का कोई काम शुरू करना चाहते हैं, लेकिन पैसों के अभाव में कर नहीं पातें. ऐसे में अगर हम आप से यह कहें कि आप बहुत कम पैसों में भी आप अपना काम शुरू कर अच्छी कमाई कर सकते हैं तो आपको अजीबोगरीब लगेगा, मगर यह सच है. दरअसल हम अच्छी आमदनी के लिए या तो बड़ी कंपनियों की तरफ रुख करते हैं या फिर बड़े उद्योगों की तरफ रूख करते हैं, जबकि छोटे उद्योगों में शानदार संभावनाओं की तरफ हमारा ध्यान ही नहीं जाता.
आपको शायद यह जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन यह सच है कि देश की अर्थव्यव्सथा में छोटे उद्योग उल्लेखनीय योगदान देने के साथ-साथ लोगों को बेहतर आजिविका भी प्रदान कर रहे हैं. दोना पत्तल उद्योग भी एक ऐसे ही छोटे उद्योगों में से एक है, जिसमें पैसे कमाने के भरपूर संभावनाएं मौजूद है. वैसे भारतीय लोगों के लिए पेपर प्लेट कोई नई वस्तु नहीं है, हमारे यहां सदियों से खाने में पेपर प्लेट के रूप में पत्तलों का उपयोग होता आया है.
दोना-प्लेटों की मांग एवं कारण
बदलते हुए वक्त के साथ पेपर प्लेटों की मांग में गज़ब का बढ़ावा देखने को मिल रहा है. भारत जैसे देश में जहां हर कुछ दिनों में कोई ना कोई त्यौहार, पूजा-पाठ एवं धार्मिक अनुष्ठान होते रहते हैं, वहां पेपर प्लेटों की मांग है. दोना प्लेट वज़न में बहुत हल्के होते हैं, इसलिए इसे किसी कार्यक्रम आदि में ले जाने में परेशानी नहीं होती.
वहीं समारोह, उत्सव, दावत आदि के मौकों पर आयोजनकर्ताओं को सबसे अच्छी पसंद दोना प्लेट होती है, क्योंकि ना तो इसके खोने का डर होता है और ना ही टूटने-फूटने की कोई चिंता. इतना ही नहीं इस्तेमाल के बाद इसे सरल तरीके से नष्ट किया जा सकता है.
दोना-प्लेटों की लागत
इस काम को अगर आप छोटे स्तर पर हस्तचालित मशीन (Handmade Machines) के माध्यम से करते हैं तो लगभग 30 हज़ार की लागत में आपका माल तैयार हो जाएगा. वहीं स्वचालित मशीन (Automatic Machine) से 40 हज़ार के आसपास लागत आएगी. अगर आप चाहें तो इस काम के लिए सामग्री https://bit.ly/2VEjQXf भी खरीद सकते हैं.
दोना-प्लेटों की मुनाफा
अगर अच्छी मार्केटिंग के साथ इस काम को किया जाए, तो इसमे मुनाफा होने की संभावनाएं बहुत है. उदाहरण के तौर पर अगर एक प्लेट की कीमत हम 1 रूपया रखते हैं और एक पैकेट में 50 प्लेट्स देते हैं तो 50 रू की कमाई हो जाएगी.
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