खाद एक "प्राकृतिक जैविक" नाइट्रोजन उर्वरक है. यह सब्जी के बागानों में मिट्टी के लिए काफी अच्छा माना जाता है, खासकर "हरी" फसलों के लिए, जैसे कि लेट्यूस, केला, ब्रोकोली, खीरे, आदि. अगर बात करें उर्वरक कि तो आप इसे आराम से स्टोर से खरीद सकते हैं, जोकि बक्से या फिर बैग में बेचा जाता है.
लेकिन अभी भी ज़्यादातर लोग खाद और उर्वरक में सही से अंतर नहीं जान पाए हैं. ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख में इन दोनों के बीच के विशेष अंतरों के बारे में विस्तार से बताते है.
खाद (Manure)
खाद प्राकृतिक सामग्री है, जो पौधे और पशु अपशिष्ट को क्षीण कर प्राप्त की जाती है, जो खेतों की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है. इसमें मौजूद कार्बनिक पदार्थों की ज्यादा मात्रा मिट्टी की सरंचना में काफी हद तक सुधार करने में सहायक मानी गयी हैं. इसको बनाने में जैविक कचरे का इस्तेमाल किया जाता है.
खाद के विशेष गुण (Special properties of manure)
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इसमें कार्बनिक पदार्थों की मात्रा काफी अधिक पाई जाती हैं. पौधों और जानवरों के अपघटन द्वारा प्राप्त प्राकृतिक पदार्थ बैक्टीरिया द्वारा रहता है.
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ये मिट्टी को पूरी तरह ह्यूमस प्रदान करता है.
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यह पादप पोषक तत्वों से पूरी तरह से भरपूर होता है.
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इसे खेतों में आसानी से तैयार किया जा सकता है.
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इसको स्टोर और परिवहन करने के लिए असुविधाजनक माना जाता है. यह पौधों द्वारा धीरे-धीरे अवशोषित होता है.
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खाद मिट्टी को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाता.
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इसके साथ ही ये लंबे समय तक मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करता है.
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यह काफी ज्यादा किफायती होती है.
उदाहरण : हरी खाद
उर्वरक (Fertilizer)
उर्वरक एक व्यावसायिक रूप से तैयार किया गया पादप पोषक हैं. इसमें पौधों के कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते है जैसे- नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम आदि. जिससे पौधों की अच्छी वृद्धि होती हैं. और इससे स्वस्थ पौधों की प्राप्ति होती हैं. ज़्यादातर किसान फसलों के अधिक उत्पादन के लिए महंगे उर्वरकों का उपयोग करते हैं. इन उर्वरकों का उपयोग जितना हो सकें ध्यान से करना चाहिए. क्योंकि कभी-कभी अधिक सिंचाई करने की वजह से उर्वरक पानी में बह जाते हैं और जिस कारण पौधे पूरा तरह अवशोषण नही कर पाते हैं.
उर्वरक के विशेष गुण (Special properties of Fertilizers)
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मानव द्वारा निर्मित अकार्बनिक पदार्थ है. इसका उपयोग मिट्टी में उर्वरता में सुधार लाने और उत्पादकता में बढ़ोतरी लाने के लिए किया जाता है.
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यह मिट्टी को ह्यूमस प्रदान नहीं करता है
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इसमें पौधों के पोषक तत्व मौजूद होते है जैसे - नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम आदि.
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इसके परिणाम प्रयोग के कुछ समय बाद ही देखने को मिल जाते है.
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यह कारखानों में तैयार किया जाता है.
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इसको आप आसानी से स्टोर और परिवहन कर सकते है.
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यह पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाता है.
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यह थोड़े महंगे होते है.
उदाहरण: यूरिया
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