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दुर्लभ प्रजाति की हल्दी

पीले रंग की हल्दी के बारे में तो आप जानते ही होंगे ये आमतौर पर हर घर में आसानी से मिल जाती है। लेकिन क्या आपने कभी काली हल्दी के बारे में सुना है या फिर इसको देखा है? दरअसल काली हल्दी बहुत ही कम देखने को मिलती है और इसे पीली हल्दी से ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। हल्दी की यह दुर्लभ किस्म अंदर से काले रंग की होती है। इस काले रंग की हल्दी के कई फायदे होते हैं।

किशन

पीले रंग की हल्दी के बारे में तो आप जानते ही होंगे ये आमतौर पर हर घर में आसानी से मिल जाती है। लेकिन क्या आपने कभी काली हल्दी के बारे में सुना है या फिर इसको देखा है?  दरअसल काली हल्दी बहुत ही कम देखने को मिलती है और इसे पीली हल्दी से ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। हल्दी की यह दुर्लभ किस्म अंदर से काले रंग की होती है। इस काले रंग की हल्दी के कई फायदे होते हैं।

काली हल्दी है असरदार

काली हल्दी एंटीबायोटिक्स के रूप में काम आती है जिसका प्रयोग विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है। इस काली हल्दी की शाखें शरीर से कॉलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है। इसका प्रयोग घाव, त्वचा, पाचन और लीवर की समस्या के निराकरण के लिए किया जाता है। चीनी चिकित्सा में इसको कैंसर के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इस काली हल्दी में सुगंधित वाष्पशील तेल पाया जाता है जो रक्त से अत्यधिक वसा निकालने के लिए, प्लेटलेट्रस के एकत्रीकरण को कम करने और सूजन को कम करने में मदद करता है। यह काली हल्दी मुख्य रूप से भारत में पाई जाती है।

इन राज्यों में पाई जाती है यह हल्दी

भारत में इसे पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर-पूर्व और उत्तर प्रदेश में उगया जाता है। इसे मुख्य रूप से ब्लैक हल्दी के नाम से जाना जाता है। यह एक महत्वपूर्ण खुशबूदार शाख होती है जो कि भूमिगत राइजोम के रूप में पाई जाती है। यह सुगंध और औषधि उपचार दोनों के लिए काम आती है।

काली हल्दी के फायदे

काली हल्दी सेहत से जुड़ी कई बीमारियों के लिए काफी सहायक होती है। इसके सेवन से कई तरह के फायदे हैं -

1. रक्त की शुद्धि करे: त्वचा की खुजली रोकने में यह कारगर है. इस तरह का रोग खून के दुषित होने से उत्पन्न होता है। इसीलिए इसके कारण त्वचा की खुजली जैसे रोग उत्पन्न हो जाते है। काली हल्दी में एंटी इन्फ्लैमटरी गुण होते है जिससे त्वचा की खुजली की समस्या दूर हो जाती है।

2. लाल रंग के चकते मिटाएः काली हल्दी वाले दूध में रूई के फाहे को भिगोकर शरीर में लाल चकते वाले भाग पर 15 मिनट लगाकर भिगोने से त्वचा पर लाली और चकते कम हो जाते है।

3. पेट ठीक करेः हल्दी का पर्याप्त मात्रा में ठीक तरह से सेवन करने में आंतों के अच्छे बैक्टीरिया पैदा होते है। इससे पेट से जुड़ी बीमारियों में मदद मिलती है। अल्सर की समस्या भी नहीं रहती है।

4. फेफड़े से जुड़ी बीमारी में राहतः काली हल्दी का उपयोग अस्थमा, न्युमोनिया जैसी बीमारियों में किया जाता है। इसके सेवन से जल्द ही खांसी को आसानी से दूर किया जा सकता है। यह काली हल्दी फेफड़े की सूजन को मिटाने में काफी सहायक होती है और इससे अस्थमा के रोगियों को आराम मिलता है।

किशन अग्रवाल, कृषि जागरण

English Summary: This turmeric of rare species is special Published on: 27 December 2018, 05:03 PM IST

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