जब कभी शरीर पर कोई जख्म, चोट या बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाता है, तो हर कोई उस पर बैंडेज लगाता है. मगर क्या आप जानते हैं कि यह बैंडेज किस तरह बनाई जाती है. दरअसल, सिंगापुर के वैज्ञानिकों द्वारा एक खास तरह का एंटीबैक्टीरियल जेल बैंडेज बनाया गया है. आइए आपको बताते हैं कि इस एंटीबैक्टीरियल जेल बैंडेज की क्या खासियत है.
कटहल जैसे दिखने वाले फल से बनाई बैंडेज
सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा कटहल जैसे दिखने वाले फल के इस्तेमाल से एक खास एंटीबैक्टीरियल जेल बैंडेज बनाया गया है. इस फल को ड्यूरियन हस्क कहा जाता है. बता दें कि इस फल को दक्षिण पूर्व एशिया में 'फलों का राजा' कहा जाता है. यह फल बाहर से दुर्गंध देता है, लेकिन खाने में बहुत टेस्टी लगता है.
एंटीबैक्टीरियल जेल बैंडेज की खासियत
इस बैंडेज की यह सबसे बड़ी खासियत है कि इसे लगाते ही कटे-फटे जख्म, चोट और बैक्टीरियल इंफेक्शन जल्दी ठीक हो सकता है. इस फल के छिलके का इस्तेमाल से वैज्ञानिकों ने जेल बनाया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ड्यूरियन हस्क के बाहरी कटीले छिलके को कचरा समझ कर फेंक दिया जाता है और सिर्फ अंदर का हिस्सा खाया जाता है. ड्यूरियन हस्क बाहर से देखने में एकदम कटहल की तरह होता है.
कैसे बनाया एंटीबैक्टीरियल जेल बैंडेज?
वैज्ञानिकों ने ड्यूरियन हस्क फल से उच्च-गुणवत्ता वाले सेल्युलोज को निकाल दिया, फिर उसे ग्लाइसेरॉल में मिला दिया. इसके बाद एक नरम जेल बनाया है. यह जेल सिलिकॉन शीट जैसा दिखाई देता है. इसके साथ ही किसी भी आकार में काटा जा सकता है. बता दें कि ग्लाइसेरॉल भी साबुन और बायोडिजल इंडस्ट्री से निकलने वाला बाय-प्रोडक्ट है. इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने जेल में कुछ खास तरह के ऑर्गेनिक मॉलीक्यूल्स को जोड़ा है, जो बेकर्स यीस्ट बनाता है. इस कारण ड्यूरियन हस्क से बना जेल बैंडेज बैक्टीरिया के लिए घातक साबित होता है.
जानकारी के लिए बता दें कि ड्यूरियन हस्क फल से निकलने वाले कचरे से सिंगापुर में प्रदूषण भी फैल रहा है. जैसा कि हमने बताया है कि इस फल का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा छिलका होता है, जो कि फेंक दिया जाता है और यह पर्यावरण के लिए काफी घातक हो रहा है. मगर एंटीबैक्टीरियल जेल बैंडेज बनाए जाने से इस फल का कचरा भी इस्तेमाल में आ रहा है.
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