इस साल होली (Holi 2021) का त्योहार 29 मार्च यानी सोमवार के दिन मनाया जा रहा है और होलिका दहन 28 मार्च को है. आइए आपको होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में बताते हैं.
कब है होली
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 28, 2021 को 03:27 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 29, 2021 को 00:17 बजे
होलिका दहन का समय
होलिका दहन मुहूर्त – 18:37 से 20:56
अवधि – 02 घंटे 20 मिनट
होली 2021
भद्रा पूंछ -10:13 से 11:16
भद्रा मुख – 11:16 से 13:00
होलाष्टक 2021
जानकारी के लिए बता दें कि होली (Holi 2021) से लगभग 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है. अगर हिंदू पंचांग की मानें, तो फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू हो जाता है. इस साल होलाष्टक 22 मार्च से 28 मार्च तक है. धार्मिक मान्यता यह है कि इस दौरान शादी, विवाह, वाहन खरीदना, घर खरीदना और अन्य मंगल कार्य नहीं किए जाते हैं.
होली से जुड़ी पौराणिक कथा
कहा जाता है कि जन्म से प्रहलाद ब्रह्मज्ञानी थे. वह हमेशा भगवत भक्ति में लीन रहते थे. उन्हें 9 प्रकार की भक्ति प्राप्त थी. बता दें कि भक्ति मार्ग के इस चरम सोपान को प्राप्त करने के बाद प्राणी का मिलन परमात्मा से हो जाता है.
इस चरम पर प्रहलाद भी पहुंच गए थे. मगर इस बात का उनके पिता हिरण्यकश्यपु काफी विरोध करते थे, लेकिन जब वह प्रहलाद को नारायण की भक्ति करने से नहीं रोक सके, तो उन्होंने प्रह्लाद को फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी को बंदी बना लिया. इशके बाद मृत्यु देने के लिए तरह-तरह की यातनायें देने लगे. मगर प्रहलाद विचलित नहीं हुए और भक्ति में लीन होने के कारण प्रहलाद हमेशा जीवित बच जाते थे. इस तरह लगभग 7 दिन बीत गए और 8वें दिन अपने भाई हिरण्यकश्यपु की बहन होलिका ने उनकी परेशानी देख प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में भस्म करने का प्रस्ताव रखा.
इस प्रस्ताव को हिरण्यकश्यपु ने स्वीकार कर लिया और होलिका जैसे ही अपने भतीजे यानी प्रहलाद को गोद में लेकर जलती आग में बैठीं, तब वह स्वयं जलने लगीं, लेकिन प्रहलाद पुनः जीवित बच गए. ऐसा कहा जाता है कि उनके लिए अग्निदेव शीतल हो गए थे. बस तभी से इन आठ दिनों को होलाष्टक के रूप में मनाया जाने लगा है.
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