जी हाँ विश्व के कई देशों में कचरे से ईंधन बनाने की खबर तो आप सभी सुनते होंगे पर अब हम आपको एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें पश्चिमी अफ्रीका के बेनिन के एक गाँव जहां अनन्नास की खेती बहुतायत मात्रा में होती है ऐसे में वहां पर इसके कचरे के रूप में छिलके को वहां के गाँव वाले ढो कर ले जाते थे और फेंक देते थे पर ऐसे में एक गैर सरकारी संस्था के प्रमुख फ्लोरेंट ने रि- बिन के मालिक मार्क जियानैली के सहयोग से कचरे को एकत्र कर ट्रीटमेंट संयंत्र प्लांट लगाया जिससे सभी जैविक कचरे के माध्यम से बायोगैस बनाने का सिलसिला शुरू हो गया और ये बहुत सराहनीय प्रयास रहा कियुँकि पहले वहां के लोग उस कचरे को जला देते थे और खाना बनाने के लिए कोयले का प्रयोग करते थे जिससे उनके बर्तन के साथ साथ हाथ भी काले हो जाया करते थे और धुंए से पर्यावरण को भी नुक्सान होता था पर संयंत्र लगने से जो भी कचरा ले कर वहां जमा करते हैं उन लोगों को रि- बिन में कचरे से बनी बायोगैस दी जाती है ऐसे में जहाँ संयंत्र को मुनाफा हो रहा है वहां लोगों को भी कम समय में खाना बन जाता है और प्रदुषण से भी मुक्ति मिल गयी है इस सयंत्र में दस किलो कचरे के बदले तीस रूपये का बायोगैस दिया जाता है
प्रदुषण मुक्त जीवन साथ ही ईंधन से फायदा
जी हाँ विश्व के कई देशों में कचरे से ईंधन बनाने की खबर तो आप सभी सुनते होंगे पर अब हम आपको एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें पश्चिमी अफ्रीका के बेनिन के एक गाँव जहां अनन्नास की खेती बहुतायत मात्रा में होती है ऐसे में वहां पर इसके कचरे के रूप में छिलके को वहां के गाँव वाले ढो कर ले जाते थे और फेंक देते थे पर ऐसे में एक गैर सरकारी संस्था के प्रमुख फ्लोरेंट ने रि- बिन के मालिक मार्क जियानैली के सहयोग से कचरे को एकत्र कर ट्रीटमेंट संयंत्र प्लांट लगाया जिससे सभी जैविक कचरे के माध्यम से बायोगैस बनाने का सिलसिला शुरू हो गया और ये बहुत सराहनीय प्रयास रहा कियुँकि पहले वहां के लोग उस कचरे को जला देते थे
Share your comments