आज से पहले आपने रेडी टू मेक दूध (Ready to make Milk) के बारे में सुना होगा या उसका सेवन भी किया होगा. आपको बता दें कि यह दूध आपको गाय या भैंस के द्वारा नहीं मिलता है, बल्कि इसे अन्य विधि द्वारा तैयार किया जाता है.
भले वह शुद्धता और पौष्टिकता के पैमाने पर खड़ा ना उतरे, लेकिन विसम परिस्थिति में दूध (Milk) के बदले इसका उपयोग किया जा सकता है. समय के साथ कई चीजों में बदलाव देखने को मिलता है, तो कुछ ऐसा ही बदलाव एक बार फिर हमें देखने को मिल रहा है.
अब तक हम बात कर रहे थे रेडीमेड दूध के बारे में, अब हम बात करेंगे प्लांट बेस्ड मीट (Plant Based Meat) के बारे में. जी हाँ आपने हाल ही में यह शब्द खूब सुना होगा. तो आइये आज इस कड़ी में हम जानते हैं आखिर क्या है यह प्लांट बेस्ड मीट (Plant Based Meat) और मिल्क (Milk) के बारे में विस्तार से.
क्या और कैसे बनता है शाकाहारी/प्लांट बेस्ड मीट (What and how is vegetarian / plant based meat prepared)
2009 के शुरूआती दौर में प्लांट बेस्ड मीट (Plant Based Meat) का चलन काफी जोड़ों से देखने को मिला था. इसकी शुरुआत एथन ब्राउन (Ethan Brown) की कंपनी बियोंड मीट (Beyond Meat) से हुई.
इस कंपनी के वैज्ञानिकों ने शाकाहारी मीट बनाने के लिए हेनरी फोर्ड (Henery Ford) की तकनीक को अपनाया है. उन्होंने पशुओं के मांस को देखकर उसके कॉम्पोनेंट्स (components) यानी घटकों के स्थान पर पौधौं से निकाले गए तत्व डालकर तैयार करने की कोशिश की गयी. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले मटर और सोयाबीन से प्रोटीन निकाला, फिर उसे आलू के स्टार्च और नारियल तेल जैसे फैट्स से मिलाया है. इसके बाद उसमें नमक और फ्लेवर मिलाकर उसका टेस्ट मीट जैसा बनाया, ताकि शाकाहारी लोगों को भी नॉन-वेज का स्वाद वेज खाने में मिल सके.
प्लांट बेस्ड मीट का कारोबार (Plant based meat business)
आज के समय में कोई भी काम नुकसानदायक नहीं होता है. बस आपको पता होना चाहिए कि उसकी कब और कैसे करना है. आपको बता दें कि सेहत पर किसी चीज का बुरा असर ना पड़े इसको लेकर लोग काफी सजग होते जा रहे हैं. इसको लेकर लोग मांस-मछली का भी सेवन कम करने लगे हैं. ऐसे में शाकाहारी मीट-मछली (Plant based Meat) की मांग काफी तेज़ी से बढ़ती नजर आ रही है. शाकाहारी दूध के साथ-साथ दुनिया में मीट का शाकाहारी विकल्प पेश करने वाली कंपनियों का कारोबार भी तेजी से बढ़ा हैं.
आंकड़ों के हवाले से अगर देखें, तो साल 2009 से शाकाहारी मीट का कारोबार शुरू करने वाले वाली एथन ब्राउन की कंपनी बियोंड मीट अब 80 से ज्यादा देशों में अपने प्रोडक्ट बेचती है. इसने पिज्जा हट और McDonald’s जैसे फास्ट फूड चेन पर अधिक ध्यान दिया है. जिस वजह से लोगों का ध्यान इस और आकर्षित हुए और रोजगार के क्षेत्र में एक बड़ा विकल्प सामने उभर कर आया है. साल 2019 में शेयर बाजार में आई इस कंपनी का मूल्य लगभग 50 हजार करोड़ रुपए का हो गया था. मांसाहारी लोगों की तुलना में शाकाहारी लोगों की कमी है, लेकिन संख्या कम नहीं है. जिसको लेकर यह बेहतरीन कारोबार में से एक है. आज के समय की बात की जाए, तो प्लांट बेस्ड मीट की मांग काफी तेज़ी से बढ़ती नजर आ रही है.
कैसे तैयार होता है शाकाहारी/ रेडी तो मेक दूध (How to prepare vegetarian / ready then make milk)
अभी तक गाय और भैंस के दूध के बारे में सुना होगा, लेकिन आपको बता दें कि सोया और अन्य पौधों से भी दूध निर्मित किया जाता है. जिस दूध को केवल शाकाहारी लोगों और लैक्टोज इनटॉलेरेंस लोग इस्तेमाल करते आ रहे थे, लेकिन अब ये दूध दुनिया के कॉफी शॉप और ग्रोसरी स्टोर्स पर भी उपलब्ध है.
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