यह सुनकर आप भी शायद हैरान होंगे लेकिन यह बात सच है कि प्याज के छिलके से अब बिजली बनाने का तरीका खोज निकाला गया है। दरअसल आईआईटी खड़गपुर के कुछ छात्रों ने मिलकर इस तरीके को खोजा है। पिछले कुछ समय से वे इस शोध में व्यस्त थे कि किस तरह से वे प्याज के छिलके से बिजली बनाएं। शोध में छात्रों ने पाया कि प्याज के छिलके में पाइजोइलेक्ट्रिक (दाब विद्युत) गुण हैं जो बिजली उत्पन्न करते हैं। इनसे उत्पन्न बिजली को आप वैज्ञानिकों द्वारा ईजाद किए गए नैनोजनरेटर्स में इस्तेमाल कर सकते हैं।
बिजली बनाने के अन्य विकल्पों की तलाश में आईआईटी खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने प्याज के छिलकों से बिजली बनाने का तरीका ईजाद किया है। इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि भारतीय घरों में अमूमन प्याज उपलब्ध रहती है और लगभग खाद्य सामग्री बनाने में इसका इस्तेमाल होता है। ऐसे में बहुतायात में प्याज के छिलके बायो-वेस्ट के तौर पर इकट्ठे हो जाते हैं।
पाइजोइलेक्ट्रिक गुण से उत्पन्न विद्युत
यदि किसी मटेरियल में पाइजोइलेक्ट्रिक गुण है तो यह निश्चित है कि उससे बिजली उत्पन्न होगी ही। हल्के से दबाव से ऐसे किसी भी मटेरियल से बिजली उत्पन्न हो सकती है जिसमें पाइजोइलेक्ट्रिक गुण है।
नैनो जनरेटर्स इसकी ही देन
गौरतलब है कि नैनो जनरेटर्स भी इसी मटेरियल की देन हैं। नैनो जनरेटर्स में पाइजोइलेक्ट्रिक मटेरियल का ही इस्तेमाल होता है और यह छोटे उपकरणों को चलाने के काम आते हैं। हालांकि यह एक बाल जितने छोटे होते हैं इसलिए हल्के से दबाव के कारण भी इनमें बिजली उत्पन्न हो जाती है। यह गतिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है।
आमतौर माना जाता है कि नैनोजनरेटर्स टाक्सिन मटेरियल बनाते हैं और इनमें टाक्सिक मटेरियल का इस्तेमाल होता है। यही कारण था कि आईआईटी के वैज्ञानिकों ने स्वयं के बायोडिग्राडेबल व बायोकम्पैटिबल नौनोजनरेटर्स बनाने की ओर रूख किया।
यदि वैज्ञानिकों की मानें तो इससे बायोवेस्ट कम करने में मदद मिलेगी। यही नहीं इससे पॉवर पेसमेकर्स, पॉवर पिल्स, पोर्टेबल डिवाइसेज जैसे कि घड़ियां, माइक्रो बैटरीज आदि बनाने में भी मदद मिलेगी।
Share your comments