बाजरा एक मोटे अनाज वाली फसल है. इसकी खेती खरीफ के मौसम में होती है. भारत बाजरे के उत्पादन में विश्व में अग्रणी देश है. भारत के लगभग 85 लाख हेक्टेयर के क्षेत्रफल में इसकी खेती की जाती है. 87 प्रतिशत क्षेत्र महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश राज्यों से आता है . इसके लिए शुष्क व अर्ध-शुष्क क्षेत्रों को उपयुक्त माना जाता है. बाजरे में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, केरोटीन, कैल्शियम, खनिज तत्व और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. आइये आपको हम आज बाजरे से बनने वाली रबड़ी की रेसिपी के बारे में बताते हैं.
बाजरे की रबड़ी बनाने के लिए आवश्यक सामग्री-
बाजरे की रबड़ी बनाने के लिए आपको 250 ग्राम बाजरे का आटा, 1 कप दही या छाछ, 4 कप पानी, नमक स्वाद अनुसार,1 चम्मच चिल्ली फ्लेक्स, 1 चम्मच भुना जीरा पाउडर, 1/4 चम्मच काला नमक, बारीक कटा हुआ धनिया और पुदीना, प्याज और पुदीना की पत्ती आदि चीजों की आवश्यकता होती है.
बाजरे की रबड़ी बनाने की विधि-
बाजरे की खट्टी राबड़ी बनाने के लिए सबसे पहले एक कटोरे में छाछ या दही और बाजरे का आटा मिलाकर उसमें नमक डाल दें. आटे को अच्छी तरह मिलाएं ताकि इसमें कोई गांठ न रहे. अब इसे एक घंटे के लिए ढक्कन से ढककर रख दें. अब इसमें जीरा पाउडर, काला नमक, डाल दें और इसको एक सॉस पैन में डालें और धीमी आंच पर चम्मच से लगातार चलाते रहें. 25 से 30 मिनट बाद यह गाढ़ा हो जाएगा. जब यह अर्ध तरल स्थिति तक पहुँच जाए तो गैस को बंद कर दें. आपकी बाजरे के रबड़ी तैयार है. आप इस पर कटी हुई धनिया से गार्निशिंग कर अपनों को सर्व कर सकते हैं.
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बाजरे के फायदे
बाजरे में पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर के रक्त के प्रवाह को सुचारु के साथ-साथ हमारी हड्डियों को भी मजबूत करता है. मधुमेह के रोगियों के लिए इसका सेवन काफी सार्थक माना जाता है. महिलाओं को स्तन कैंसर की समस्या को कम करने के लिए आहार में बाजरा से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो स्तन कैंसर की समस्या से छुटकारा दिलाती है. कुछ शोध में यह पाया गया है कि अगर बच्चे को पहले से अस्थमा है तो उसे नियमित रुप से बाजरा खिलाते रहें. इससे अस्थमा धीरे-धीरे ठीक होने लगता है.
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