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Saraswati Puja 2023: नोट करें सरस्वती पूजा मनाने की सही तारीख, मुहू्र्त और पूजा विधि

Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा (saraswati puja 2023) जल्द ही आने वाली है लेकिन इसकी तारीख को लेकर अभी भी लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में आइये इससे जुड़ी सही तारीख, शुभ मुहूर्त और जरूरी बातें जानते हैं.

अनामिका प्रीतम
Saraswati Puja 2023
Saraswati Puja 2023

सरस्वती पूजा हिंदुओं के मुख्य त्योहारों में से एक है, जो कि ज्ञानसंगीतकलाविज्ञान और प्रौद्योगिकी की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है.

सरस्वती पूजा को बसंत पंचमी के नाम से क्यों जानते हैं?

हिंदू शास्त्रों के मुताबिक, सरस्वती पूजा माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. इसलिए इस दिन को बसंत पंचमी के नाम से भी जानते हैं. इसके अलावा इसे श्री पंचमीमधुमास और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जानते हैं. हालांकि इस साल यानी की 2023 में सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी की तारीख को लेकर लोग थोड़े कन्फ्यूज हैं कि आखिरकार इस बार देवी सरस्वती की पूजा 25 जनवरी को करेंगे या 26 जनवरी को. ऐसे में हम आपके लिए इस लेख में इसकी सही जानकारी लेकर आए हैं.

इस दिन मनाया जायेगा सरस्वती पूजा, ये होगी शुभ मुहूर्त

जैसा की हमने आपको इस लेख में ऊपर बताया था कि सरस्वती पूजा माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. ऐसे में देखें तो 25 जनवरी 2023 को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से पंचमी तिथि का आरंभ हो रहा है और इसका समापन 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर हो रहा है. ऐसे में शुभ मुहूर्त के अनुसार इस बार सरस्वती पूजा 26 जनवरी को मनाई जायेगी. क्योंकि उदयातिथि के अनुसार, सरस्वती पूजा के लिए 26 जनवरी की सुबह 7 बजकर 12 मिनट से शुभ मुहूर्त शुरू होने वाला है और ये दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की ऐसे करें पूजा

  • बसंत पंचमी के दिन पूजा करने से पहले स्नान करना जरूरी है.

  • इसके बाद पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर लें.

  • मां सरस्वती की मूर्ति या फोटो पर गंगाजल छिड़कर उन्हें स्नान कराएं.

  • मां सरस्वती के सामने धूप-दीपअगरबत्ती जलाकर उनका ध्यान करें.

  • अब मां सरस्वती को तिलक लगाएं और उन्हें माला पहनाकरउनको मिठाई और फलों से भोग लगाएं.

  • आखिरी में मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करते हुए मां सरस्वती की आरती उतारें.

  • यहां आपको बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि पूजा आसन पर बैठकर ही करनी चाहिए. बिना आसन की पूजा व्यर्थ मानी जाती है. ऐसे में पूजा करने के दौरान आप इस बात का ध्यान रखें. 

ये भी पढ़ें: जानिए बसंत पंचमी के दिन क्यों करते है सरस्वती पूजा...

सरस्वती पूजा के दिन की मान्यता

कहते हैं कि जिन बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता या जो बच्चे पढ़ने में रुचि नहीं रखते हैं उन्हें इस दिन पूरी श्रद्धा भाव से माता सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस दिन पूजन पूरी विधि -विधान के साथ करते हैं उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और उन्हें ज्ञान का आशीष मिलता है. इस दिन किताबों के दान करने की मान्यता भी है. इसके साथ ही कहते हैं कि इस दिन बच्चों की शिक्षा और कला से संबंधित काम करने पर उस क्षेत्र में वृद्धि होती है.

English Summary: Saraswati Puja 2023: Note the exact date, Muhurta and worship method to celebrate Saraswati Puja Published on: 20 January 2023, 02:30 PM IST

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