होली जो कि रंगों का त्योहार है. हिंदू धर्म में होली का बहुत ही विशेष महत्व है. जैसे कि आप जानते हैं कि होली को दो दिन तक मनाया जाता है. पहले दिन छोटी होली यानि कि होलिका दहन (Holika Dahan) के रुप में और दूसरे दिन एक दूसरे को रंग लगाकर होली खेली जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होली को बुराई पर अच्छाई की जीत मानी जाती है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, होली का के दिन हिरण्यकश्यप. प्रह्लाद और होलिका की कहानी जुड़ी है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस दिन छोटी होली कल यानी 7 मार्च के दिन मानाई जाएगी और उसके अगले दिन यानी 8 मार्च को बड़ी होली मनाई जाएगी. तो आइए कल के दिन होलिका दहन के शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
भारत के विभिन्न राज्यों में होलिका दहन का मुहूर्त अलग-अलग है. लेकिन शास्त्रों के मुताबिक, कल यानी मंगलवार को होलिका जलाने का मुहूर्त शाम 06 बजकर 09 मिनट के बाद शुरु हो जाएगा, जो कि रात 8 बजकर 39 मिनट तक रहेगा.
शुभ योग
इस बार की होलिका दहन के दिन शुभ योग भी बन रहे हैं. हिंदू पंचाग के मुताबिक, कल केदार, हंस, मालव्य, चतुष्चक्र और महाभाग्य के बड़े ही शुभ योग बन रहे हैं, जो सालों में एक बार बनते हैं.
होलिका दहन की पूजा विधि
होलिका दहन से पहले लोगों को सबसे पहले भगवान नरसिंह और प्रहलाद की आराधना करनी चाहिए. इसके बाद आपको होलिका पर फूल, माला, अक्षत, चंदन, साबुत हल्दी, गुलाल, 5 तरह के अनाज, गेंहू की बालियां आदि अरपण करनी चाहिए. ऐसा करने से भक्त की कई परेशानियां दूर होती है और यह भी कहा जाता है कि उनके घर से विपदाएं खत्म हो जाती हैं.
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अंत में सूर्यास्त के बाद शुभ मुहूर्त में होलिका का दहन मिलकर करें. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अगले दिन होलिका की राख को भक्त अपने माथे पर लगाते हैं और कुछ लोग तो राख की पूजा भी करते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के रोग-दोष दूर हो जाते हैं.
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