
Agriculture Desi Jugad: खेतों में लहलहाती फसले कितनी अच्छी लगती है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि किसानों को इनकी सुरक्षा को लेकर कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसके वह मार्केट से महंगे उपकरणों को भी खरीदते हैं. वहीं, जो किसान आर्थिक रूप से कमजोर है. वह इन उपकरणों को नहीं खरीद पाते हैं, जिसके चलते उनकी ज्यादातर फसलें खराब हो जाती है. लेकिन आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में ऐसे कुछ तकनीकी देसी जुगाड़ों (Technological Desi Jugaads) के बारे में बताएंगे, जिसकी मदद से आप कम खर्च में खेतों व फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं.
फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए किसान अब पारंपरिक उपायों के साथ-साथ कुछ स्मार्ट तकनीकों का भी सहारा ले रहे हैं. लेकिन जिन देसी जुगाड़ों की हम बात करने जा रहे हैं. शायद आपको नहीं पता होगा. आइए जानते हैं...
प्लास्टिक की चादर का देसी जुगाड़ (Desi Jugaad of Plastic Sheet)
किसानों को अपनी फसलों व खेतों की रक्षा करने के लिए खेत के चारों ओर कटीले तारों से घेरा बंदी कर देनी चाहिए, जिससे की पशु खेतों के अंदर एंट्री न कर सके. बाजारों में आजकल पौधों को कवर करने के लिए मेश नेट उपलब्ध होते हैं, जिसका उपयोग पौधों को ढकने के लिए कर सकते हैं.
वही, फसलों को बचाने का एक और देसी जुगाड़/ Desi Jugaad पतली प्लास्टिक की चादर है, जिसकी मदद से पक्षियों और जानवरों के हमले से खेतों की सुरक्षा की जा सकती है. इन सभी देसी जुगाड़ से किसान फसलों की रखवाली आसानी से कर सकते हैं.
फसल सुरक्षा तकनीक (Crop Protection Techniques)
आजकल बाजारों में ऐसे सिंचाई के साधन आ रहे हैं, जिसकी मदद से फसलों की अच्छी सिंचाई के साथ आवारा पशुओं से भी फसलों को बचाया जा सकता है. ये मशीन स्मार्ट तकनीक/Smart Techniques से काम करती है. इस मशीन में एक खूबी यह है कि ये दूर से ही जानवरों को भांप लेती है और अपना पानी का छिड़काव शुरू कर देती है. इस मशीन को मोशन-एक्टिवेटेड स्प्रिंकलर/Motion-Activated Sprinklers के नाम से जाना जाता है.
इसके अलावा खेत में गतिविधि-संवेदनशील लाइटें लगाने से जानवरों को दूर रखने में मदद मिलती है. जैसे ही कोई गतिविधि होती है लाइट जल उठती है, जिससे जानवर डरकर भाग जाते हैं. साथ ही तेज आवाज़ में रेडियो या डरावनी टेप रिकॉर्डिंग चलाने से भी जानवर पास नहीं फटकते यह उपाय विशेषकर रात के समय प्रभावी माना जाता है.
लेखक : रवीना सिंह
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