कई बार ऐसा देखने को मिल जाता है कि जब हम फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव करते हैं तो उनके रिजल्ट या तो ना करे बराबर मिलते हैं या उम्मीद से बहुत कम मिलते हैं. आज हम आपको इसके पांच मुख्य कारण बताने जा रहे हैं. तो आइये उनपर एक नजर डालें.
कीटनाशक दवा की पहचान
फसलों पर कीटनाशक का असर नहीं होने का पहला कारण दवा की पहचान है. इसके लिए सबसे पहले कीटनाशक व कीट की पहचान करना बेहद जरुरी है. दरअसल, कीट दो प्रकार के होते हैं. एक खाने वाले श्रेणी में आते हैं तो दूसरा रस चूसने वाले कीट होते हैं. इसी तरह, कीटनाशक भी दो तरह के होते हैं. एक कांटेक्ट व दूसरा सिस्टमेटिक.
सिस्टमेटिक कीटनाशक रस चूसने वाले कीटों को खत्म करते हैं. वहीं, कांटेक्ट पेस्टीसाइड्स फसलों को खाने वाले कीटों का नाश करते हैं. ऐसे में छिड़काव के दौरान दवा की पहचान बहुत आवश्यक है. अगर उसमें बदलाव होता है तो रिजल्ट या तो ना के बराबर या 10 से 20 प्रतिशत मिलेगा. इसलिए कीट की सही जानकारी हासिल कर सही पेस्ट का चुनाव करें.
बार-बार कीटनाशक का प्रयोग
अगर बार बार फसलों पर कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाए, तब भी रिजल्ट कम या ना के बराबर मिलते हैं. इसका कारण यह है कि लगातार कीटनाशक का प्रयोग करने से कीटों के अंदर रेजिस्टेंस पावर आ जाती है. जिससे उनपर दवा का असर नहीं होता है. एक तरह से यह भी कह सकते हैं कि वह कीटनाशक दवाओं के आदी हो जाते हैं. इसलिए एक महीने में दो से तीन या उससे अधिक बार फसलों पर कीटनाशक का प्रयोग करने से बचें.
पानी का पीएच वैल्यू से भी रिजल्ट मिलता है कम
अगर कीटनाशक के रिजल्ट नहीं मिल रहे हैं तो इसका एक मुख्य कारण पानी की पीएच वैल्यू भी है. यदि पानी की पीएच वैल्यू 750 से ऊपर होगी तब भी कीटनाशक काम नहीं करेंगे. इसके लिए 200 लीटर में 25 एमएल फास्फोरिक एसिड मिलाकर फसलों पर छिड़काव करने से अच्छे रिजल्ट जरुर देखने को मिलेंगे.
गर्मी के दिनों में कम मिलते हैं रिजल्ट
गर्मी के दिनों में लगभग सभी कीटनाशक फेल हो जाते हैं. कहा जाता है कि ज्यादा तापमान में पेस्टीसाइड्स बिलकुल काम नहीं करते हैं. ऐसे में खेतों की सिंचाई जरुरी है और कीटनाशक का छिड़काव हमेशा शाम के समय करना चाहिए.
सही मात्रा में छिड़काव ना करने से भी नहीं मिलता रिजल्ट
किसी भी कीटनाशक का सही मात्रा में छिड़काव करना जरुरी है. अगर स्प्रे के दौरान पेस्टीसाइड्स की मात्रा अधिक या कम हो तब भी कीटनाशक का रिजल्ट देखने को नहीं मिलता है. इसलिए, सही जानकारी हासिल करने के बाद ही खेतों में कीटनाशक का छिड़काव करें.
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