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गाजर दिवस पर कुछ ऐसा हुआ जो आपने कभी सोचा भी नहीं होगा, पढ़िए पूरी खबर

लोगों के बीच फ़ास्ट और जंक फ़ूड की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए ऐसे तमाम दिवस पर आजकल काफी जोर दिया जा रहा है, ताकि लोगों के बीच पोष्टिक आहारों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके.

प्राची वत्स
Virtual Celebration
Virtual Celebration

पूरे विश्व में 4 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय गाजर दिवस के रूप में मनाया गया है.  गाजर के गुणों से लोगों को अवगत कराने के लिए एवं जागरूक करने के लिए यह दिवस हर साल मनाया जाता है.

ऐसे में लोगों के बीच फ़ास्ट और जंक फ़ूड की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए तमाम दिवस पर काफी जोर दिया जा रहा है, ताकि देश के लोगों के बीच पोष्टिक आहारों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके.

गाजर एक बहुत ही ख़ास, स्वादिष्ट एवं लाभदायी सब्जियों में से एक है. इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे विटामिन के और विटामिन बी 6. गाजर में पाए जाने वाले इन मुख्य तत्वों की वजह से लोग इसे ज्यादा खाना पसंद करते हैं. इस दिवस को और भी ऐतोहसिक बनाने हेतु कृषि जागरण ने गाजर दिवस पर वर्चुअल सेलिब्रेशन का आयोजन किया है, साथ ही कृषि जागरण की पत्रकार रुकमनी चौरसिया और सुजीत पाल किसानों के बीच अलग-अलग जगहों पर गए. इस दौरान उन्होंने किसानों के बीच जाकर  गाजर की अहमियत के बारे में बातचीत की. इस वर्चुअल सेलिब्रेशन में क्या कुछ हुआ, किस-किस ने अपनी भागीदारी दर्ज की, इस पर एक नजर डालेंगे.

इस कार्यक्रम को पूरी तरह से ऐतिहासिक बनाने की जिम्मेदारी कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एम.सी डोमिनिक ने उठाई थी. साथ ही अपनी भागदारी दर्ज करते हुए सोमानी कनक सीड्ज़ प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के.वी सोमानी ने सत्र मॉडरेटर के तौर पर हिस्सा लिया.

उन्होंने इस दिवस पर कहा आने वाले समय में कंपनी गाजर की खेती से जुड़े कई कार्य करने वाली है. गाजर के पाउडर से भी कई तरह के उत्पाद बनाए जा रहे हैं, इसलिए किसानों को गाजर की खेती बड़े स्तर पर करनी चाहिए. गाजर आंखों के लिए काफी फायदेमंद होती है, रोजाना इसका सेवन करना चाहिए. गाजर की पहली खेती सेंट्रल एशिया में हुई थी, लेकिन अब भारत में कम स्तर पर गाजर की खेती की जाती है. इसका मतलब यह है कि हमारे खान-पान में गाजर की कमी है, इसलिए सेहत से जुड़ी समस्याएं होती हैं.

श्रीमती संतोष पचर, गाजर किसान, नेशनल ग्रासरूट इनोवेशन अवार्ड, सीकर, राजस्थान: महिला किसान ने भी वर्चुअल सेलिब्रेशन में अपनी भागीदारी दर्ज करते हुए कहा कि वो साल 2000 से गाजर की खेती कर रही हैं, जिसमें उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब वह गाजर की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, वह गाजर की उन्नत किस्म की बुवाई करती हैं, जिसकी गुणवत्ता बहुत अधिक है. वह खाने में काफी मीठे होती है, जिसकी कीमत बाजार में अच्छी मिलती है, अब वह गाजर से बीज भी बनाती हैं, इन्हें 2013 में राष्टीय पुरस्कार भी मिला है.

ये भी पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस – 4 अप्रैल 2022: जानिए इतिहास और महत्व

इसके साथ ही गाजर दिवस का महत्व किसान और आम जनता के बीच समझाने के लिए डॉ. सुरेंद्र सिंह, उप निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, गुजरात, कर्नल सुभाष देसवाल (सेवानिवृत्त), संस्थापक, सनशाइन वेजिटेबल्स प्रा. लिमिटेड, डॉ. सत्येंद्र यादव, एसोसिएट निदेशक, विस्तार सेवा, एमएचयू करनाल और अरविंदभाई वल्लभभाई, अवार्डी, गाजर किसान, जूनागढ़, गुजरात ने भी इस वर्चुअल सेलिब्रेशन में हिस्सा लिया. इस दौरान अपने विचारों को सभी के समक्ष प्रस्तुत किया. वहीँ दूसरी ओर ग्राउंड पर पहुंची हमारी टीम ने खेतों में गाजर की खेती कर रहे किसानों से बातचीत की और गाजर के दिवस पर उनका क्या विचार है यह भी जानने की कोशिश की.

कृषि जागरण की यह अनोखी पहल अपने-आप में किसी मिसाल से कम नहीं है. कृषि जागरण का मानना है कि हम लोगों के बीच जागरूकता फैलाकर उन्हें स्वास्थ्य और सुनहरा जीवन प्रदान कर सकते हैं. इसी कड़ी में कृषि जागरण 6 मार्च को अंतरराष्ट्रीय टमाटर दिवस मनाने जा रहा है.

English Summary: Why carrot day is celebrated internationally, know the facts and figures Published on: 05 April 2022, 06:08 PM IST

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