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वायनाड में 'वेल्लामुंडा कम्बलम' उत्सव का भव्य आयोजन, कृषि जागरण ने किया विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित

‘वेल्लामुंडा कम्बलम’ केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि कृषि और संस्कृति को जोड़ने वाली एक प्रेरणादायक पहल बन चुकी है. अयूब थोटोली और जुनैद काइपानी जैसे व्यक्तित्वों की भागीदारी इस आयोजन को और भी खास बनाती है. इस तरह की पहलें न केवल कृषि की विरासत को बचाती हैं, बल्कि युवाओं को भी खेती की ओर आकर्षित करती हैं.

KJ Staff
Vellamunda kambalam festival Wayanad Krishi Jagran honors eminent personalities
वेल्लामुंडा उत्सव में कृषि जागरण का योगदान, विशिष्ट लोगों को मिला सम्मान

वायनाड जिला पंचायत के वेल्लामुंडा डिवीजन द्वारा आयोजित पारंपरिक 'वेल्लामुंडा कम्बलम' उत्सव में कृषि जागरण ने दो प्रमुख व्यक्तियों – जिला पंचायत कल्याण स्थायी समिति के अध्यक्ष जुनैद काइपानी और मॉडल जैविक किसान अयूब थोटोली को सम्मानित किया. यह सम्मान वायनाड की कृषि चेतना को मजबूत करने और नई पीढ़ी को खेती की ओर प्रेरित करने में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया.

कलपेट्टा कलेक्ट्रेट में आयोजित एक विशेष समारोह में जिला प्रधान कृषि अधिकारी राजी वर्गीस ने कृषि जागरण के अधिकारियों की ओर से प्रमाण पत्र सौंपे. इस अवसर पर कृषि उपनिदेशक शीबा जॉर्ज, बिंदु आर और अधीक्षक जीत के.एस. भी उपस्थित रहे.

पारंपरिक विरासत का उत्सव ‘कम्बलम’

'कम्बलम' जनजातीय समुदाय की पारंपरिक कला है, जो धान की बुआई और रोपाई के समय ढोल, बांसुरी और नृत्य की धुन पर खेतों में जाकर उत्सव मनाने की परंपरा को दर्शाती है. इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को खेती से जोड़ना और कृषि संस्कृति का महत्व समझाना है. अक्टूबर 2022 में शुरू हुआ यह उत्सव आज एक प्रमुख सांस्कृतिक और कृषि कार्यक्रम बन चुका है. इसके माध्यम से 60 से अधिक उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित किया गया है. कृषि और संस्कृति के संगम के रूप में यह आयोजन अब वेल्लामुंडा गांव की पहचान बन चुका है.

अयूब थोटोली: आधुनिक जैविक खेती के प्रतीक

अयूब थोटोली ने नौकरी छोड़कर खेती को अपनाया और आज 13 एकड़ भूमि पर पारंपरिक व नवाचार आधारित खेती कर रहे हैं. उन्होंने वायनाड में वियतनामी मॉडल पर काली मिर्च और पपीते की व्यावसायिक खेती शुरू की. पपीते से प्राकृतिक रंग निकालने का उनका प्रयोग उन्हें एक अलग पहचान देता है.

Vellamunda Kambalam Festival
धान की बुआई और रोपाई करते हुए 'कम्बलम' जनजातीय समुदाय के किसान

वह पैशन फ्रूट, अमरूद, एवोकाडो, रामबुतान जैसे फलों के साथ-साथ चावल, इलायची, काली मिर्च और कॉफी जैसी पारंपरिक फसलों की भी खेती करते हैं. 14 प्रजातियों के बांस और 360 दुर्लभ चंदन के पौधों वाला उनका खेत जैव विविधता का उदाहरण है. सोशल मीडिया के ज़रिए वह किसानों और उपभोक्ताओं को जोड़ते हुए खेती को एक टिकाऊ और लाभदायक व्यवसाय के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं. उनके प्रयासों को कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है.

English Summary: Vellamunda kambalam festival Wayanad Krishi Jagran honors eminent personalities Published on: 19 April 2025, 05:24 PM IST

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