हमारे देश में ऐसे कई किसान भाई हैं, जो खेती तो करते हैं, लेकिन उसमें किसी तरह की और कौन सी खाद कैसे डालनी है. इसकी जानकारी उनके पास नहीं होती है, जिसकी वजह से किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या वाक्य में खाद डालने बेहद मुश्किल मान होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. खाद को खेत में डालना इतनी भी मुश्किल नहीं होता है और न ही इतना आसान होता है. बस थोड़ी सी जानकारी के बाद इसे आप सरलता से इस्तेमाल कर सकते हैं.
DAP, NPK, Neem और Urea का इस्तेमाल और फायदे
डी-अमोनियम फॉस्फेट उर्वरक (DAP): इस उर्वरक में फास्फोरस की मात्रा अधिक पाई जाती है, इसलिए इसे बुवाई से ठीक पहले खेत में छिड़का जाता है. इसके इस्तेमाल से पौधे अपने सामान्य आकार तक बिना किसी रूकावट के बढ़ते हैं. डीएपी में 46% फास्फोरस (P) और 18% नाइट्रोजन (N) पाया जाता है. किसान को 1 हेक्टेयर के लिए 100 किग्रा डीएपी का इस्तेमाल करना है.
एनपीके (NPK): इसमें सुपर फॉस्फेट, ट्रिपल फॉस्फेट शामिल होते हैं. यह 4:2:1 का एनपीके अनुपात मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करने का काम करता है. साथ ही यह तेजी से फसलों में वृद्धि का काम करता है. खेत में एनपीके एक टन अनाज पैदा करने के लिए दोगुना उर्वरक या 30 से 40 किलो एन प्रति हेक्टेयर डालना है.
यूरिया उर्वरक (Urea Fertilizer): यह उर्वरक पौधों को ताजा और हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है. यह किसी भी तरह की मिट्टी व फसल के लिए सबसे अच्छी फर्टिलाइजर मानी जाती है. लेकिन ध्यान रहे कि इसे खेत में हिसाब से डालना होता है. उदाहरण के लिए- (उर्वरक की मात्रा किग्रा/हेक्टेयर = किग्रा/हेक्टेयर पोषक तत्व उर्वरक में पोषक तत्व x 100). वहीं एक अनुमान के मुताबिक यूरिया का प्रति एकड़ 200 पाउंड तक ही इस्तेमाल (Use of Urea Per Hectare) करें.
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नीम लेपित उर्वरक (Neem Coated Fertilizer): किसानों को खेत में अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए नाइट्रिफिकेशन और अवरोध गुणों के लिए नीम के तेल के साथ यूरिया का छिड़काव करना चाहिए. बता दें कि नीम कोट यूरिया से धान, गन्ना, मक्का, सोयाबीन, अरहर/लाल चने की उपज में अच्छी वृद्धि होती है. मिली जानकारी के मुताबिक, यूरिया में 46% और 60% की उच्च एन और के सामग्री पाई जाती है. जोकि मिट्टी के लिए बेहतर होती है.
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