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DAP खाद के फायदे व नुकसान, उपयोग करने से पहले पढ़ ले ये खबर

DAP यानि की डाई अमोनियम फास्फेट को दुनिया की सबसे लोकप्रिय फास्फोटिक खाद में से एक माना जाता है. लेकिन आपको इसके इस्तेमाल से पहले इसके फायदे व नुकसान के बारे में जरूर जान लेना चाहिए...

निशा थापा
DAP के फायदे व नुकसान
DAP के फायदे व नुकसान

भारत की लगभग आधी आबादी खेती किसानी पर व निर्भर है, ऐसे में वह अच्छी उपज के लिए खाद का इस्तेमाल करते हैं. कुछ किसान अभी भी जैविक खाद जैसे की पशुओं के गोबर, केंचुए की खाद आदि का उपयोग करते हैं जबकि अधिकतर किसान डीएपी खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत में हरित क्रांति के बाद कैमिकल व डीएपी खाद को काफी बढ़ावा मिला. बता दें कि डीएपी खाद किसानों के लिए लोकप्रिय खाद बन चुकी है. इसे डाई के नाम से भी जाना जाता है. अब इस बात में कोई दोराय नहीं है कि हर चीज के सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रभाव होते हैं. ऐसे ही डीएपी खाद के भी कुछ लाभ तथा कुछ नुकसान है. इसी संदर्भ में आज हम डीएपी खाद के इस्तेमाल के कुछ लाभ व नुकसान बताने जा रहे हैं.

डीएपी खाद का इस्तेमाल

डाई अमोनियम फास्फेट (DAP) खाद किसानों की पहली पसंद है. डीएपी एक छारीय प्रकृति वाला रसायनिक उर्वरक है, जिसमें 46 फीसद फास्फोरस और 18% नाइट्रोजन पाया जाता है. डीएपी को खेतों में डालने से फसलों को सारे पोषक तत्व मिलते रहते हैं और नाइट्रोजन- फास्फोरस की कमी पूरी होती है. डीएपी  नलशील होते हैं, जो फसलों में सिंचाई करते ही मिट्टी में घुल जाते हैं.

डीएपी खाद के लाभ

-      नाइट्रोजन व फास्फोरस की भरपूर मात्रा होने की वजह से पौधों में लंबे वक्त कर पौषक तत्वों की पूर्ती करते हैं.

-      पौधों को पनपने के लिए डीएपी अहम भूमिका निभाता है.

-      तिलहन व दलहन की फसलों के लिए डीएपी खाद बहुत अनुकूल है.

-      डीएपी खाद पौधों के पोषक तत्वों के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है.

-      पौधों की कोशिकाओं के लिए बहुत उपयोगी है.

डीएपी खाद के नुकसान

जैसा कि यह एक रसायनिक खाद है, तो जाहिर सी बात है कि इसके कुछ नुकसान भी होंगे ही. किसी भी रसायनिक खाद या डीएपी खाद का इस्तेमाल करने से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता खत्म होती जाती है या फिर कम होने लगती है. अनाज, सब्जियों व फलों में भी कैमिकल की कुछ मात्रा आ जाती है, जिससे खाने पर इसका कुछ अंश हमारे शरीर में भी आ जाता है.  इसके अलावा बारिश होने पर जब खेत की मिट्टी एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचती है तो वह अपने साथ कैमिकल खाद को भी लेकर जाती है.

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कैसे करें डीएपी खाद का उपयोग

फसल की बुवाई के वक्त ही डीएपी खाद का इस्तेमाल कर लेना उचित होता है, ताकि यह मिट्टी के साथ अच्छे से मिल जाए. इसके अलावा अधितकर किसान डीएपी खाद को फसल की सिंचाई के वक्त भी खेतों में उपयोग करते हैं. ध्यान देने योग्य बात यह कि किसानों को प्रति एकड़ 50 किलो की दर से डीएपी खाद का छिड़काव करना चाहिए.

English Summary: Advantages and disadvantages of DAP fertilizer, read this news before using it Published on: 27 December 2022, 12:06 PM IST

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