आयुर्वेद में औषधीय पौधों का स्थान बहुत ऊँचा है. औषधीय पौधों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर दवाओं के लिए किया जाता है. रोज की दिनचर्या में अनियमित खानपान की वजह से लोगों में भी बीमारी का प्रकोप दिनों दिन बढ़ रहा है.
वहीँ अगर इसकी खेती की बात करें तो देश के सभी राज्यों में औषधीय पौधों की खेती की जाती है. लेकिन अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो कई राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उत्तर प्रदेश औषधीय पौधों की खेती में अव्वल स्थान पर है.
उत्तर प्रदेश में इन दिनों किसान औषधीय खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड (National Medicinal Plant Board) के आंकड़ों के अनुसार यूपी में करीब 12,3000 हेक्टेयर भूमि पर मेडिसनल प्लांट की खेती (Medicinal Plant Cultivation ) की जा रही है.
मुख्यरूप से बाराबंकी, अयोध्या, गोरखपुर, बरेली, पीलीभीत, ललितपुर, बहराइच, वाराणसी, गाजीपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, झांसी, हमीरपुर, चित्रकूट, सीतापुर, लखनऊ, गोंडा, बलरामपुर, जालौन आदि कई जिलों में औषधीय पौधों की करीब 18 किस्मों की खेती की जा रही है.
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उत्तर प्रदेश जिले के किसानों ने अपने खेत में तुलसी, एलोवेरा, अश्वगंधा, ब्राह्मी, सतावर, वच, आर्टेमिसिया, कौंच, कालमेघ और सर्पगंधा आदि की खेती कर रहे हैं. साथ ही गिलोय, भृंगराज, पुदीना, मोगरा, घृतकुमारी, शंकपुष्पी, गुलर आदि बहुत सी औषधीय फसलों की खेती भी कर रहे हैं. इन औषधीय पौधों की भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मांग बढ़ रही है.
यूपी सरकार दे रही है प्रति हेक्टेयर अनुदान (UP Government Is Giving Grant Per Hectare)
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर अनुदान भी प्रदान कर रही है.
अन्य राज्यों में औषधीय पौधों की खेती का आंकड़ा (Cultivation Of Medicinal Plants In Other States)
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नेशनल मेडिसिनल प्लांट के अनुसार उत्तर प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश जिले में 12,251 हेक्टेयर खेती की जा रही है.
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केरल में 2269 हेक्टेयर खेती की जा रही है.
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वहीँ कर्नाटक में 3926 हेक्टेयर खेती की जा रही है.
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आंध्रा में 4350 हेक्टेयर खेती की जा रही है.
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पूरे देश में कुलमिलाकर 56,305 हेक्टेयर में औषधीय खेती की जा रही है.
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