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Union Budget 2023-24: 9 साल बाद इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की तैयारी, 5 लाख तक कमाने वालों नहीं देना होगा टैक्स!

Union Budget 2023-24: केंद्र सरकार आगामी 2023-24 के आम बजट में इनकम टैक्स व्यवस्था को आकर्षक बनाने की योजना बना रही है. जिसके लिए सरकार इनकम टैक्स व्यवस्था में कई बड़े बदलाव करने जा रही है.

दिव्यांशु कुमार राव

Union Budget 2023-24: केंद्र सरकार आगामी बजट में टैक्सपेयर्स को बड़ा तोहफा दे सकती है. सरकार इनकम टैक्स की नई व्यवस्था को आर्कषक बनाने के लिए आम बजट 2023 में इनकम टैक्स में बड़े बदलाव का एलान कर सकती है. इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में इनकम टैक्स छूट की मौजूदा सीमा को 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक किया जा सकता है. सरकार ने आखिरी बार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव 9 सालों पहले किया था.

मौजूदा समय में 2.50 लाख रुपये तक सलाना टैक्सबेल इनकम पर टैक्सपेयर्स को कोई भी टैक्स नहीं चुकाना होता है, वहीं 2.50 लाख से 5 लाख तक के स्लैब पर टैक्सपेयर्स को 5 फीसदी टैक्स देना होता है.

एक चैनल की खबर के मुताबिक सरकार एक फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट में इनकम टैक्स की नई व्यवस्था के तहत टैक्स छूट की सीमा 2.50 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने पर विचार कर रही है. जिससे नई टैक्स व्यवस्था को टैक्सपेयर्स के बीच लोकप्रिय बनाया जा सके. अगर टैक्स छूट की सीमा को 5 लाख रुपये किया जाता है तो इससे टैक्सपेयर्स पर टैक्स के बोझ को घटाने में मदद मिलेगी जिससे वे ज्यादा पैसे निवेश कर सकेंगे.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2020 में बजट पेश करते हुए इऩकम टैक्स की नई व्यवस्था को लागू करने का एलान किया था. लेकिन नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80सी और 80डी के तहत टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है. इन टैक्स व्यवस्था में कई प्रकार के डिडक्शन को खत्म कर दिया गया है. जिसके चलते टैक्सपेयर्स नई टैक्स व्यवस्था को अपनाने से कतरा रहे हैं. कुल टैक्सपेयर्स में केवल 10 से 12 फीसदी टैक्सपेयर्स ने ही नई व्यवस्था के विकल्प को चुना है. क्योंकि इसमें ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ता है और टैक्स छूट का लाभ भी नहीं मिलता है.

इनकम टैक्स की वई व्यवस्था के फायदे

टैक्स एक्सपर्ट का मानना है कि अगर पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स बराबर हो जाता है तो टैक्सपेयर्स सरकार के नए विकल्प को अपना सकते हैं क्योंकि इससे टैक्सपेयर्स को रिटर्न भरने में आसानी होगी और अनुपालन का बोझ भी कम होगा. 

राजस्व सचिव के पद से हाल में रिटायर होने वाले तरुण बजाज ने इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव के संकेत दिए थे. तरुण बजाज ने कहा कि नए इनकम टैक्स रिजिम में 2.5 लाख रुपये तक के सलाना आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है लेकिन पुराने टैक्स रिजिम में 7.5 लाख रुपये तक कमाई करने वाले टैक्स देने से बच जाते हैं. ज्यादातर लोग इसी कैटगरी में आते हैं और इसलिए नए इनकम टैक्स रिजिम का चुनाव करने के लिए इंसेटिव नहीं है.

पुरानी टैक्स व्यवस्था में छूट डिडक्शन का फायदा

इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में भले ही टैक्स दरें कम हो लेकिन होम लोन के मूलधन या ब्याज या बचत पर टैक्स छूट के अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ नहीं मिलने के चलते टैक्सपेयर्स को नई व्यवस्था रास नहीं आ रही है. यही वजह है कि सरकार इनकम टैक्स की नई व्यवस्था को आकर्षक बनाने पर विचार कर रही है. इनकम टैक्स स्लैब की पुराने रिजिम में टैक्सपेयर्स कई प्रकार के टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं.

इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत बीमाईएलएसएस (ELSS), प्राविडेंट फंडपीपीएफ (PPF) और बच्चों के ट्यूशन फीस के साथ होमलोन के मूलधन पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते है. 2 लाख रुपये तक होमलोन के ब्याज पर भी टैक्स छूट का प्रावधान है. 50,000 रुपये के स्टैडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) का भी लाभ मिलता है जो नए टैक्स रिजिम में नहीं है.

 

English Summary: Union Budget 2023 24 Income Tax slab five lakhs under new tax regime Published on: 12 December 2022, 05:29 PM IST

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