केवीके ने हाल ही में अपनी वार्षिक वैज्ञानिक सलाहकार समिति (SAC) की बैठक का आयोजन किया. जिसमें उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के तरीकों पर चर्चा की. बैठक में इस बात पर ख़ास ध्यान दिया गया कि किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे दिया जा सकता है. 26 फरवरी को नवसृजित कृषि विज्ञानं केंद्र उत्तरप्रदेश के बाबूगढ़, हापुड़ की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक हुई. जिसकी अद्यक्षता डॉ.एस.के. सचान, निदेशक प्रसार, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा की गई.
डॉ. हंसराज सिंह प्राद्यापक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञानं केंद्र बाबूगढ़ द्वारा बैठक में केंद्र की गतिविधियों एवं गत वर्ष की प्रगति और आगामी वर्ष की कार्ययोजना प्रस्तुत की. इसके साथ ही डॉ. सचान ने यह भी कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने पर भी हमें कड़े कदम उठाएंगे. जिस से भविष्य में ज्यादा से ज्यादा किसानों को फायदों होगा और कृषि क्षेत्र भी बेहतर भूमिका अदा करेगा.
डॉ. ए.एस. मिश्रा ने वैज्ञानिकों की कार्ययोजना में कृषि मन्दों एवं औद्योगिक फसलों को प्रशिक्षणों में शामिल करने के लिए आग्रह किया.
डॉ. के. जी. यादव सह-प्राध्यापक (शस्य )ने सरसो के परीक्षण में रोपाई वाली प्रजाति आर.पी.9 को शामिल करने के लिए बोला.
डॉ. एस. के त्रिपाठी सह-प्राध्यापक ( उद्यान ) कृषि विश्वविद्यालय ने कार्ययोजना में बागबानी फसलों की तकनीक एवं तुड़ाई के उपरांत प्रबंधन आदि विषयों को कार्ययोजना में शामिल करने को कहा.
केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. ए. के. मिश्रा ने शस्य विभाग की विगत वर्ष की प्रगति एवं आगामी वर्ष की कार्ययोजना को प्रस्तुत किया.
जिला उद्यान अधिकारी जी. एम.के शर्मा जी ने सुझाव दिया कि विभाग के द्वारा प्रशिक्षणों में के.वी.के के वैज्ञानिकों के माध्यम से प्रौद्योगिकी फसलों को बढ़ावा देना चाहिए.
इस समिति की बैठक में श्रीमती सुमन बिमला ने महिलाओं के लिए कार्यक्रमों को शामिल करने और आलू चिप्स की मार्केटिंग के लिए सुझाव दिए. श्री सुरेंद्र कुमार और भूमि संरक्षण अधिकारी डॉ. अशोकनाथ पांचाल आदि सदस्यों ने भी अपने सुझाव बैठक के समक्ष रखे.
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