उत्तर प्रदेश के कई राज्यों में बारिश और आंधी ने किसानों की नींद उड़ा दी है. कई इलाकों में लगातार दूसरे दिन भी बारिश और आंधी आई है, जिससे किसानों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. मौसम की इस मार ने रबी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. बता दें कि लॉकडाउन में भी किसान खेती से जुड़े सभी काम कर रहे हैं. एक तरफ किसान कोरोना संकट के डर से लड़ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ कुदरत के कहर ने किसानों की कमर तोड़ दी है.
बारिश किसानों के लिए बनी आफ़त
एक बार फिर बारिश और आंधी किसानों पर आफ़त बनकर आई है. बारिश और तेज हवा के कारण गेहूं के खेतों में तैयार फसल गिर गई है, तो वहीं गेहूं की कटी फसल में पानी भर गया है. इस कारण किसानों को गेहूं की फसल में बहुत नुकसान हुआ है.
बीते शनिवार सुबह आसमान में बादल छाए थे, लेकिन फिर धूप निकलने से किसानों को राहत मिल गई. उन्हें लगा कि अब मौसम खुल गया है और बारिश नहीं होगी. मगर शाम होत-होते आसमान में एक बार फिर बादल छा गए. इसके बाद तेज हवा के साथ बारिश होने लगी. यह देखकर किसानों की चिंता और बढ़ गई. तेज हवा के साथ लगभग आधे घंटे तक बारिश होती रही, जिससे फसलों को बहुत नुकसान हुआ. मौसम की यह मार गेहूं उत्पादक किसान पर सबसे ज्यादा पड़ी है.
किसानों का कहना है कि बारिश और आंधी से गेहूं की फसल लगभग बर्बाद हो गई है. एक तरफ गेहूं कटाई का काम बाधित हो गया है, दूसरी तरफ फसल कट चुकी है, उसका भी खराब होने का डर सता रहा है. अब अगर जल्द ही खिलखिलाती धूप नहीं निकली, तो गेहूं की फसल को और ज्यादा नुकसान होगा. वैसे भी कोरोना और लॉकडाउन की वजह से किसानों की फसल खरीद नहीं हो पा रही है. ऐसे में बारिश के होने से कई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.
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