हवाई यात्रा में अब एयर इंडिया (Air India) के यात्रियों को कुछ अलग सुनने को मिलेगा. जी हां, टाटा समूह ने एयर इंडिया एयरलाइन्स में अपना कारोबार वापस (Tata Hand Over Air India) ले लिया है. बता दें कि केंद्र सरकार ने 27 जनवरी को आधिकारिक तौर पर एयर इंडिया का नियंत्रण टाटा समूह (Tata Group) को सौंप दिया है. एयर इंडिया का फॉर्मल ट्रांसफर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखरन के बीच एक बैठक में हुआ था.
एयर इंडिया यात्रियों को मिलेगा स्पेशल संदेश (Air India passengers will get special message)
28 जनवरी से अब एयर इंडिया की उड़ानों के यात्रियों को 'इन-फ्लाइट घोषणाओं' (In-Flight Announcements) के दौरान एक विशेष संदेश प्राप्त होगा. आदेश के अनुसार, घोषणा इस प्रकार होगी:
"प्रिय मेहमानों, यह आपका कप्तान (नाम) बोल रहा है. इस ऐतिहासिक उड़ान में आपका स्वागत है, जो एक विशेष घटना का प्रतीक है. आज, एयर इंडिया आधिकारिक तौर पर सात दशकों के बाद फिर से टाटा समूह का हिस्सा बन गई है. हम इस पर और एयर इंडिया की हर उड़ान में नई प्रतिबद्धता और जुनून के साथ आपकी सेवा करने के लिए तत्पर हैं. एयर इंडिया में आपका स्वागत है! हमें उम्मीद है कि आप यात्रा का आनंद लेंगे".
एयर इंडिया हैंडओवर के मुख्य बिंदु (Key Points of Air India Handover)
एयर इंडिया टाटा के एयर एशिया इंडिया (Air Asia India) में तीसरा एयरलाइन ब्रांड होगा, जिसमें टाटा समूह का बहुमत है और इसका विस्तारा, सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड (Singapore Airlines Limited) के साथ एक जॉइंट वेंचर है.
वहीं टैलेस प्राइवेट लिमिटेड समूह (Tales Private Limited Group) की एक सहायक कंपनी ने पिछले अक्टूबर में एयर इंडिया की कम लागत वाली एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज (AISATS Airport Services) में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए एक सफल बोली लगाई थी. जिसके बाद AISATS ने 18,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था. समझौते के अनुसार, टाटा समूह 2,700 करोड़ रुपये नकद के रूप में चुकाएगा और एयरलाइन के 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज लेगा.
AIAHL को किया गैर संपत्ति की जाएगी हस्तांतरित (Non-property to be transferred to AIAHL)
सरकार ने 2019 में एयर इंडिया समूह की ऋण और गैर-प्रमुख संपत्ति (Debt and Non-Core Assets) रखने के लिए विशेष प्रयोजन वाहन एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (Air India Assets Holding Limited) बनाया था. 31 अगस्त 2021 तक एयर इंडिया पर कुल 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज था. इस कर्ज का करीब 75 फीसदी या 46,262 करोड़ रुपये AIAHL को हस्तांतरित किया जाएगा.
इसके साथ एअर इंडिया की गैर-प्रमुख संपत्तियां, जिसमें भूमि, भवन, कलाकृतियां और यादगार वस्तुएं है वो भी एआईएएचएल को हस्तांतरित की जा जाएगी.
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांता पांडे (Tuhin Kanta Pandey, Secretary, Department of Investment and Public Asset Management) ने कहा कि सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और एयर इंडिया का विनिवेश लेनदेन बंद कर दिया गया है.
पांडे ने खुलासा किया कि सरकार को पूरे 2,700 करोड़ रुपये मिल गए हैं और जल्द ही एक नया बोर्ड बनने जा रहा है. इन्होंने कहा, "हमने शेयर ट्रांसफर कर दिए हैं, पूरे 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज जिसे बरकरार रखा जाना था, उसे भी स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए सभी प्रक्रियाएं पूरी हो गई हैं".
एयर इंडिया के पास होंगे ये नियंत्रण (Air India will have these controls)
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल (Rajiv Bansal, Secretary, Ministry of Civil Aviation) ने कहा कि टाटा समूह को 12,000 कर्मचारियों को बनाए रखना होगा. एयर इंडिया ब्रांड के अलावा, टाटा समूह को 141 विमानों का बेड़ा मिलेगा, जिनमें से 42 पट्टे पर हैं, जबकि शेष 99 स्वामित्व हैं. टाटा समूह को घरेलू हवाई अड्डों पर एयरलाइन के 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट और लंदन के हीथ्रो सहित विदेशों में हवाई अड्डों पर 900 स्लॉट का नियंत्रण मिलेगा.
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने कहा “यह सरकार की क्षमता और भविष्य में गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से विनिवेश करने के संकल्प को साबित करता है. नए मालिकों को शुभकामनाएं, मुझे विश्वास है कि एयरलाइन भारत में एक संपन्न और मजबूत नागरिक उड्डयन उद्योग का मार्ग प्रशस्त करेगी".
टाटा और एयर इंडिया का इतिहास (Tata and Air India History)
एयर इंडिया का अधिग्रहण करने वाला टाटा समूह 67 वर्षों के बाद टाटा में एयरलाइन की वापसी का प्रतीक है. टाटा समूह का नेतृत्व में जे.आर.डी. टाटा ने अक्टूबर 1932 में एयर इंडिया की स्थापना टाटा एयरलाइंस के रूप में की थी. सरकार द्वारा 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण किया गया था.
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