देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) अपने ग्राहकों के लिए एक सर्विस शुरू की थी. जिसमें बैंक ने इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से एनईएफटी और आरटीजीएस लेन-देन पर शुल्क माफ करने का निर्णया लिया था. क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने देश को कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने का लक्ष्य रखा है. इसके साथ अब उसने आईएमपीएस शुल्क को खत्म करने की भी घोषणा की है. ये सर्विस 1 अगस्त, 2019 से लागू हो जाएगी.
बैंक ने “डिजिटल फंड्स आंदोलन को गति प्रदान करने के लिए 1 जुलाई, 2019 से योनो (YONO), इंटरनेट बैंकिंग (INB) और मोबाइल बैंकिंग (MB) ग्राहकों के लिए आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) शुल्क माफ कर दिए थे. बैंक अपने आईएनबी (INB) के लिए आईएमपीएस(IMPS) शुल्क भी माफ कर देगा. क्योंकि मार्च 2019 में इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करने वाले एसबीआई ग्राहकों की संख्या छह लोगों से अधिक थी, जबकि 1.41 करोड़ लोग मोबाइल बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर रहे थे.
बैंक ने कहा कि ग्राहक सुविधा के साथ-साथ एनईएफटी, आईएमपीएस और आरटीजीएस शुल्क में छूट डिजिटल लेनदेन की ओर अधिक ग्राहकों को आकर्षित करेगी॰
जाने! क्या है IMPS (Immediate Payment Service)
आईएमपीएस (Immediate Payment Service)यह एक ऐसी बैंकिंग पेमेंट सिस्टम सर्विस है. जिसके जरिए आप उसी समय अपने अपने अकाउंट से पैसे दूसरे के अकाउंट में जमा करवा सकते है. इससे आप हफ्ते के सातों दिन में से कभी भी पैसा भेज सकेंगे. जबकि एनईएफटी और आरटीजीएस से पैसे भेजने में समय लगता था.
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