देश के अलग-अलग हिस्सों से आए कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के बाद केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों के हित में काम करने की मोदी सरकार की पहली प्राथमिकता है. नए कृषि कानूनों के विरोध के बीच सोमवार को देशभर से आये विभिन्न किसान संगठनों ने इन कानूनों का समर्थन किया और ज्ञापन सौंपते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी का आभार व्यक्त किया.
कैलाश चौधरी ने कहा किसानों के भ्रम को करेंगे दूर (Kailash Chaudhary said that farmers' confusion will be removed)
किसान संगठनों के नेताओं से मिलने के बाद कृषि राज्य मंत्री (Union minister of state for agriculture and farmers’ welfare) कैलाश चौधरी ने कहा किसानों की ओर से बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार करने के फैसले का हम स्वागत करते हैं. सरकार बहुत पहले से ये कहती आ रही है कि हम बातचीत में विश्वास रखते हैं. कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार जानती है कि किसी भी समस्या का हल बातचीत से ही निकल सकता है. हमें विश्वास है कि इस बार होने वाली बैठक में जरूर कोई हल निकलेगा.
कैलाश चौधरी ने आगे कहा कि सरकार लचीला रुख अपनाए हुये है और यदि इन तीनों कानूनों में किसी सुधार की जरूरत किसानों को लगती है, तो सरकार इस पर विचार करने को हमेशा तैयार है. सरकार छह दौर की वार्ता कर चुकी हैं और मुझे उम्मीद है कि ये बातचीत का अंतिम दौर होगा और इसका समाधान निकलेगा.
इन किसान संगठनों ने कृषि सुधार कानूनों का समर्थन किया (These farmer organizations supported Agriculture Reform Bills)
इन किसान संगठनों में इंडियन किसान यूनियन नई दिल्ली, राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन लखनऊ, राष्ट्रीय युवा वाहिनी लखनऊ, अखिल भारतीय बंग परिषद नई दिल्ली, भारतीय किसान संगठन दिल्ली, कृषि जागरण मंच पश्चिम बंगाल, प्रगतिशील किसान क्लब हरियाणा, जे एंड के किसान काउंसिल जम्मू और कश्मीर, जे एंड के डेरी प्रोड्यूसर्स प्रोसेसर्स एंड मार्केटिंग कॉप. यूनियन लिमिटेड जम्मू, महाराष्ट्र राज्य कृषक समाज जलगांव महाराष्ट्र और भारतीय कृषक समाज ग़ाज़ियाबाद के किसान नेताओं और प्रतिनिधिमंडल (Delegation) ने कृषि सुधार कानूनों का समर्थन किया और कहा कि ये सभी कानून किसानों के हित में हैं, इन्हें वापस नहीं लिया जाना चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी इन कृषि कानूनों पर आभार व्यक्त किया.
कृषि राज्यमंत्री ने बताई सरकार की मंशा (State Agriculture Minister expressed the intention of the Government)
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया और साथ ही नए कृषि कानूनों के लाभ भी गिनाए. उन्होने कहा कि पिछले 6 महीने से कानून लागू हैं लेकिन अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है. इन क़ानूनों पर सबसे बड़ा झूठ एमएसपी को हटाने पर बोला जा रहा है. मंत्रीजी बोले कि हर किसान को मैं ये भरोसा देता हूं कि पहले जैसे एमएसपी दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी. मोदी सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए एमएसपी के दाम भी लागत का डेढ़ गुना तक बढ़ा दिया है.
चौधरी ने कहा कि किसानों का हित ही मोदी सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता है. इन कृषि कानून से किसान भाइयों को कृषि उपज को बेचने के लिए अधिक विकल्प दिये गए हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी. इससे कृषि उपज मंडी समितियों (APMC) के अधिकार पहले की तरह ही रहेंगे. इसलिए किसानों के पास सरकारी मंडियों का विकल्प भी पहले की भांति खुला रहेगा. कैलाश चौधरी ने जौर देते हुए कहा कि अगर हमें एमएसपी हटानी होती तो स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू नहीं करते. हर बार हमारी सरकार सीजन से पहले ही एमएसपी की घोषणा करती है ताकि किसानों को दिक्कत ना हो.
Share your comments