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7 सालों में 22 करोड़ किसानों को वितरित किए सॉयल हेल्थ कार्ड, 11,534 नए टेस्टिंग लैब खोले : कैलाश चौधरी

मंगलवार को हुए बजट सत्र के दौरान संसद में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने खेती किसानी से जुड़े सभी सवालों का जवाब बखूबी दी.

लोकेश निरवाल
किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी
किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान संसद में देश के विभिन्न संसद सदस्यों के खेती किसानी से जुड़े सवालों के जवाब दिए. फूलपुर (उत्तर प्रदेश) से भाजपा सांसद केसरी देवी पटेल सहित विभिन्न संसद सदस्यों ने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी से खेतों में रासायनिक उर्वरकों के छिड़काव, डीएपी खाद की उपलब्धता एवं जैविक खेती को लेकर सवाल पूछे.

इसके जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि रासायनिक उर्वरकों (chemical fertilizers) के अधिक प्रयोग से जमीन को बचाने तथा जैविक खेती (Organic farming) के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने को लेकर काम कर रही है. कैलाश चौधरी ने बताया कि सॉयल हेल्थ कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme) के माध्यम से भी बीते 7 सालों में करीब 22 करोड़ किसानों ने इसका लाभ लिया है.

ये भी पढ़े ः Khaad Beej की उपलब्धता किसानों की सुविधा के लिए सुनिश्चित करवा रही है केंद्र सरकार

देश में 11 हजार 531 नई सॉयल टेस्टिंग लैब खोले (11 thousand 531 new soil testing labs opened in the country)

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि 2015 में शुरुआत के बाद से अब तक लगभग 22 करोड़ किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए हैं. इससे न सिर्फ मिट्टी के पोषण को बढ़ावा मिला है बल्कि फसल की उत्पादकता भी बढ़ी है. इससे निश्चित रूप से किसानों के जीवन में भी खुशहाली आई है. कैलाश चौधरी ने कहा कि इस योजना से मिट्टी के पोषण को बढ़ावा मिला है और किसान सशक्त हुए हैं. सॉयल हेल्थ कार्ड (soil health card) की वजह से किसानों के बीच मिट्टी की गुणवत्ता को लेकर जागरूकता बढ़ी है. इसकी मदद से किसानों को उपज बढ़ाने के लिए उपयुक्त फसल चुनने में मदद मिली है. वहीं देश भर में 11 हजार 531 नई सॉयल टेस्टिंग लैब खोले गए हैं, जिससे मृदा विश्लेषण क्षमता 1.78 करोड़ से बढ़कर 3.33 करोड़ सैंपल प्रति वर्ष हो गई है.

डीएपी में सब्सिडी के माध्यम से किसानों को राहत (Relief to farmers through subsidy in DAP)

वहीं खाद की उपलब्धता एवं सब्सिडी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि डीएपी के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में अत्यधिक वृद्धि होने के बावजूद केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देते हुए लगातार डीएपी पर सब्सिडी देने का कार्य किया है. कैलाश चौधरी ने बताया कि किसानों को राहत देने की दिशा में आगे बढ़ते हुए केंद्र सरकार ने डीएपी खाद पर सब्सिडी (Subsidy on DAP Fertilizer) को 1212 रुपये से बढ़ाकर 1662 रुपए प्रति बोरी कर दिया था, जिसकी वजह से किसानों को अब भी DAP की एक बोरी पहले की ही तरह 1,200 रुपये में ही मिल रही है.

यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. वहीं डीएपी की कालाबाजारी रोकने तथा किसानों को उसकी उपलब्धता एवं उपयोगिता का पूरा लाभ दिलाने के लिए नीम कोटेड यूरिया का प्रचलन शुरू किया गया.

English Summary: Soil health cards distributed to 22 crore farmers in 7 years, 11,534 new testing labs opened : Kailash Chaudhary Published on: 06 April 2022, 04:44 PM IST

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